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फिल्मी गीत


फिल्मी गीत....

वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे
मुझे याद आने वाले
कोई रास्ता बता दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे

रहने दे मुझ को अपने
कदमों की खाक बनाकर
जो नहीं तुझे गवारा
मुझे ख़ाक में मिला दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे

मेरे दिल ने तुज को चाहा
क्या यही मेरी खता हैं
मन कहता हैं लेकिन
ऐसी तो ना सजा दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे
मुझे याद आने वाले
कोई रास्ता बता दे

फिल्म : भरोसा 1963

यादें

यादें...

चाँद चुरा के लाया हू
चल बैठे चर्च के पीछे
ना कोई देखें ना पहचाने
बैठे पेड़ के नीचे....

चल दरिया पर कश्ती लेकर
दूर कही बह जाये
अरे ढूंढ ना पाये बस्ती वाले
साहिल से कह जाये...

फिल्म : देवता के सौजन्य से


फिल्मी गीत

फिल्मी गीत
फिल्म : जोशीला 

किसका रस्ता देखे, 
ऐ दिल, ऐ सौदाई
मीलों है खामोशी, 
बरसों है तनहाई
भूली दुनिया, कभी की, 
तुझे भी, मुझे भी
फिर क्यों आँख भर आई
किसका रस्ता देखे...

कोई भी साया नहीं राहों में
कोई भी आएगा न बाहों में
तेरे लिए, मेरे लिए, 
कोई नहीं रोने वाला
झूठा भी नाता नहीं चाहों में
तू ही क्यों डूबा रहे आहों में
कोई किसी संग मरे, 
ऐसा नहीं होने वाला
कोई नहीं जो यूँ ही जहां में, 
बाँटे पीर पराई
किसका रस्ता देखे...

तुझे क्या बीती हुई रातों से
मुझे क्या खोई हुई बातों से
सेज नहीं, चिता सही, 
जो भी मिले सोना होगा
गई जो डोरी छूटी हाथों से
लेना क्या टूटे हुए साथों से
खुशी जहाँ माँगी तूने, 
वहीं मुझे रोना होगा
ना कोई तेरा, ना कोई मेरा, 
फिर किसकी याद आई
किसका रस्ता देखे...


स्केच और फिल्मी गीत

फिल्मी गीत और कुछ स्केच 

गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा
मैं तो गया मारा
आ के यहां रे ...
🙂🙂🙂😀😀😀😀

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
सांझ को दुल्हन बदन चुराये
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

आ ले के चलूँ
तुझे ऐसे गगन के तले
जहां गम भी ना हो
बस प्यार ही प्यार मिले
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

दिन ढल जाए
हाय रात ना जाय
बुझो ना जाए 
तेरी याद सताए
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

मेरा जीवन कोरा कागज़
कोरा ही रह गया
जो लिखा था
आंसुओं के संग बह गया
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

जाऊं कहा बता ए दिल
दुनिया बड़ी है संग दिल
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

ये तेरा घर
ये मेरा घर
ये घर
बहुत हसीन है
🙂🙂🙂🙂🙂🙂


फिल्मी गीत

फिल्मी गीत......

बाबुल की दुआएँ लेती जाजा तुझको सुखी संसार मिलेमैके की कभी ना याद आएससुराल में इतना प्यार मिले.....
बाबुल की दुआएँ लेती जाजा तुझको सुखी संसार मिले
नाज़ों से तुझे पाला मैंनेकलियों की तरह फूलों की तरहबचपन में झुलाया है तुझकोबाँहों ने मेरी झूलों की तरहमेरे बाग़ की ऐ नाज़ुक डालीतुझे हर पल नई बहार मिलेमैके की कभी ना याद आएससुराल में इतना प्यार मिले.....

जिस घर से बँधे हैं भाग तेरेउस घर में सदा तेरा राज रहेहोंठों पे हँसी की धूप खिलेमाथे पे ख़ुशी का ताज रहेकभी जिसकी जोत न हो फीकीतुझे ऐसा रूप सिंगार मिलेमैके की कभी ना याद आएससुराल में इतना प्यार मिले....

बीतें तेरे जीवन की घड़ियाँआराम की ठंडी छाँव मेंकाँटा भी न चुभने पाए कभीमेरी लाड़ली तेरे पाँवों मेंउस द्वार से भी दुख दूर रहेंजिस द्वार से तेरा द्वार मिलेमैके की कभी ना याद आएससुराल में इतना प्यार मिले....
बाबुल की दुआएँ लेती जाजा तुझको सुखी संसार मिलेबाबुल की दुआएँ लेती जा

फिल्म : नील कमल

फिल्मी गीत


फिल्मी गीत.....


चल अकेला, 
चल अकेला, 
चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही 
चल अकेला

हज़ारों मील लम्बे रास्ते 
तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते 
तुझको बुलाते
है कौन सा वो इंसान यहाँ पे 
जिस ने दुख ना झेला
चल अकेला ...

तेरा कोई साथ न दे तो 
तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को करके 
अरे आकाश ओढ़ ले
पूरा खेल अभी जीवन का 
तूने कहाँ है खेला 
चल अकेला ...

फिल्म : संबंध
रचियता : प्रदीप


देख तेरे संसार की हालत 
क्या हो गयी भगवान,
कितना बदल गया इंसान..
कितना बदल गया इंसान,
सूरज ना बदला,
चाँद ना बदला,
ना बदला रे आसमान,
कितना बदल गया इंसान..
कितना बदल गया इंसान .....

आया समय बड़ा बेढंगा,
आज आदमी बना लफंगा,
कहीं पे झगड़ा,कहीं पे दंगा,
नाच रहा नर होकर नंगा,
छल और कपट के हांथों 
अपना बेच रहा ईमान,
कितना बदल गया इंसान..
कितना बदल गया इंसान .....

राम के भक्त,रहीम के बन्दे,
रचते आज फरेब के फंदे,
कितने ये मक्कार ये अंधे,
देख लिए इनके भी धंधे,
इन्हीं की काली करतूतों से 
हुआ ये मुल्क मशान,
कितना बदल गया इंसान..
कितना बदल गया इंसान...

जो हम आपस में ना झगड़ते,
बने हुए क्यूँ खेल बिगड़ते,
काहे लाखो घर ये उजड़ते,
क्यूँ ये बच्चे माँ से बिछड़ते,
फूट-फूट कर क्यों रोते 
प्यारे बापू के प्राण,
कितना बदल गया इंसान..
कितना बदल गया इंसान .....

फिल्म - नास्तिक 
रचयिता - प्रदीप 


कविताऐं


कलियुग....

ये कलियुग है
मौसम की तरह
यहां लोग भी 
पल पल बदल रहे हैं...
🙂🙂🙂🙂🙂


एक फिल्मी गीत.......

ए मेरे दिल कही और चल
गम की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ए मेरे दिल कही और चल
चल जहाँ गम के मारे ना हो
झूठी आशा के तारे ना हो
चल जहाँ गम के मारे ना हो
झूठी आशा के तारे ना हो
झूठी आशा के तारे ना हो
इन बहारो से क्या फ़ायदा
जिस में दिल की कली जल गयी
जखम फिर से हरा हो गया
ए मेरे दिल कही और चल
चार आँसू कोई रो लिया
फेर के मूह कोई चल दिया
चार आँसू कोई रो लिया
फेर के मूह कोई चल दिया
फेर के मूह कोई चल दिया
लूट रहा था किसी का जहा
देखती रह गयी ये ज़मीन
छुप रहा बेरहूं आसमान
आए मेरे दिल कही और चल
गम की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
आए मेरे दिल कही और चल

फिल्म : दाग : 1952

मेरा जीवन

मेरा जीवन...
(एक ख़ूबसूरत फिल्मी गीत)

मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
जो लिखा था
जो लिखा था आँसुओं के संग बह गया
मेरा जीवन
मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
एक हवा का झोंका आया
एक हवा का झोंका आया
टूटा डाली से फूल 
टूटा डाली से फूल
ना पवन की ना चमन की
किसकी है ये भूल किसकी है ये भूल
खो गयी खो गयी खुशबू हवा में कुछ न रह गया
मेरा जीवन
मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
उड़ते पंछी का ठिकाना
उड़ते पंछी का ठिकाना
मेरा न कोई जहां मेरा न कोई जहां
ना डगर है ना खबर है
जाना है मुझको कहाँ 
जाना है मुझको कहाँ
बनके सपना बनके सपना हमसफ़र का साथ रह गया
मेरा जीवन
मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
कोरा ही रह गया

फिल्म : कोरा कागज़ (1974)
गायक :  किशोर कुमार

याद तू आये ......



याद तू आये ...

मेरी सांसो में बसा है 
तेरा ही एक नाम
तेरी याद हमसफर सुबह शाम
तू मेरे दिन में, रातों में
खामोशी में, बातों में
बादल के हाथों मैं भेजूं 
तुझ को यह पयाम
तेरी याद हमसफर सुबह शाम
आँखों में तसवीर है जैसे 
तू मेरी तकदीर है जैसे
उस दिल से, इस दिल तक आती 
धड़कन की जंजीर है जैसे
ख्वाबों ख्वाबों तू मिले 
ना जाने क्या यह सिलसिले
पलकों पर ये प्यार के 
ना जाने कितने गुल खिले
तेरे ख्वाब सजाते रहना
अब है मेरा काम
तेरी याद हमसफर सुबह शाम
फूलों पर, शबनम की नमी है
रंगों की महफिल सी जमी है
मौसम भी, मंझर भी, मैं भी
कहते हैं बस तेरी कमी है
बागों में हम जो मिले
तो गाए सारी कोयलें
महके सारा यह समा
हवायें महकी सी चले
तेरी खुशबू से भर जाए 
कलियों के यह जाम
तेरी याद हमसफर सुबह शाम 

फिल्म : और प्यार हो गया

तेरी याद साथ है...


तेरी याद साथ है.....

मैं जहाँ रहूँ
मैं कहीं भी हूँ
तेरी याद साथ है...
किसी से कहूं
के नहीं कहूं
ये जो दिल की बात है
कहने को साथ अपने 
एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में 
तन्हाई पलती है
बस याद साथ है
तेरी याद साथ है
कहीं तो दिल में यादों की 
इक सूली गढ़ जाती है
कहीं हर एक तस्वीर 
बहुत ही धुंधली पड़ जाती है
कोई नयी दुनिया के 
नए रंगों में खुश रहता है
कोई सब कुछ पाके भी 
ये मन ही मन कहता है
कहने को साथ अपने 
एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में 
तन्हाई पलती है
बस याद साथ है
तेरी याद साथ है
कहीं तो बीते कल की 
जड़ें दिल में ही उतर जाती है
कहीं जो धागे टूटे तो 
मालाएं बिखर जाती है
कोई दिल में जगह 
नयी बातों के लिए रखता है
कोई अपनी पलकों पर 
यादों के दिए रखता है

फिल्म : "नमस्ते लंदन"