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बंधे के बाला जी बोराज़

बन्धे के बालाजी : बोराज 

बन्धे के बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर, जयपुर अजमेर रोड पर महला से जोबनेर के रास्ते बोराज़ कस्बे के पास ऊगरियावास गांव में स्थित है. यह मंदिर जयपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर है.

चित्र : बाला जी का  प्रमुख मंदिर 

सूत्रों के अनुसार बन्धे के बालाजी की मूर्ति संवत 1752 के समय की मानी जाती है और यह भी माना जाता है की बाला जी की यह मूर्ति एक बंजारा परिवार द्वारा लायी गई थी. अक्सर बंजारे सांभर से नमक लादकर आगे बेचने के लिए इसी जगह से होकर जाया करते थे और रात्रि विश्राम यहीं किया करते थे क्योंकि यह जगह उनको अधिक सुविधाजनक लगती थी.

चित्र :  बाला जी के मंदिर का प्रवेश द्वार

कहते हैं की एक रात बंजारा परिवार जिसके पास यह बाला जी की मूर्ति थी उसने सोने से पहले  इस मूर्ति को अपने नमक से निकालकर आंगन में रख दी थी. सुबह चलते वक्त जब बंजारे ने इस मूर्ति को उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश की तो बालाजी की मूर्ति अपने स्थान से बिल्कुल भी नहीं हिली तो बंजारा बाला जी की मूर्ति को वहीं छोड़कर अपने घर चला गया, घर जाकर देखता है कि उसकी अंधी मां की आंखों की रोशनी लौट आई है उसने सोचा यह तो जरुर बाला जी की मूर्ति का  ही चमत्कार है, वह वापस आया और उसने मूर्ति को आज के वर्तमान मंदिर के स्थान पर स्थापित कर दिया, तब से यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भी आस्था का केंद्र बन गया.

चित्र : बाला जी के मदिर के सामने अन्य मंदिर

बाला जी के मुख्य मंदिर में बहुत बड़ा हॉल है और बीच में सिंदूर से नहाए हुए बाला जी की प्रतिमा है, मंदिर प्रांगण में गणेश जी, दुर्गा माता जी और  राम दरबार की मुर्तिया विराजित है. ठीक बाला जी के मंदिर के सामने विशाल शिव मंदिर, नव ग्रह मंदिर और साई मंदिर भी है. शिव मंदिर के पीछे सुंदर हरा भरा पार्क भी है जहां पेड़ों की छाया में आप विश्राम कर सकते हैं.

मुख्य सड़क पर गौशाला के नजदीक हनुमान जी और शिव जी की बहुत विशाल रंगीन मूर्ति सबको आकर्षित करती है.
चित्र : हनुमान जी और शिव जी की विशाल प्रतिमा

दर्शनार्थियों को सुविधा के लिए मंदिर के चारों तरफ प्रसाद की दुकानें, खाने पीने की दुकानें और बहुत से ठेले लगे हैं जिनमें बच्चों के खिलौने और घर का अन्य सामान मिल जाता है.

मंदिर से करीब 20 किलोमीटर के दायरे में फुलेरा के पास सांभर लेक है जहां  नमक की विशाल झील, शाकंभरी माता का मंदिर और देवयानी मंदिर स्थित है. सांभर लेक से जयपुर लौटते वक्त रास्ते में जोबनेर नामक जगह पर पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता जी का सुंदर मंदिर भी दर्शन के लिए प्यारी जगह है. बारिश के दिनों में राजस्थान बहुत सुंदर हो जाता है

सांभर लेक : नामक की झील

नोट : राजस्थान में हनुमान जी को बाला जी भी कहते हैं
तो फिर "पधारो म्हारे देश"......