मैं जहाँ रहूँ
मैं कहीं भी हूँ
तेरी याद साथ है...
किसी से कहूं
के नहीं कहूं
ये जो दिल की बात है
कहने को साथ अपने
एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में
तन्हाई पलती है
बस याद साथ है
तेरी याद साथ है
कहीं तो दिल में यादों की
इक सूली गढ़ जाती है
कहीं हर एक तस्वीर
बहुत ही धुंधली पड़ जाती है
कोई नयी दुनिया के
नए रंगों में खुश रहता है
कोई सब कुछ पाके भी
ये मन ही मन कहता है
कहने को साथ अपने
एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में
तन्हाई पलती है
बस याद साथ है
तेरी याद साथ है
कहीं तो बीते कल की
जड़ें दिल में ही उतर जाती है
कहीं जो धागे टूटे तो
मालाएं बिखर जाती है
कोई दिल में जगह
नयी बातों के लिए रखता है
कोई अपनी पलकों पर
यादों के दिए रखता है
फिल्म : "नमस्ते लंदन"
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