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देवी सूक्तम


देवी सूक्तम 

इस जगत में माता विभिन्न रूपों में हमेशा मौजूद हैं. आप इन्हें किसी भी रूप में याद कर सकते हैं...  

दुर्गा सप्तशती से लिया गया  तांत्रोक्त देवी सूक्तम आपके लिए अत्यंत लाभकारी है. इसका रोज पठन और मनन अवश्य करें.

तंत्रोक्त देवी सूक्तम् :

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके.
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते 
अर्थात : हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में विद्या के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।

या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। 

या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी समस्त प्राणियों में भूख के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सभी प्राणियों में चाहत के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी समस्त प्राणियों में शान्ति के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में सहनशीलता, क्षमा के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी समस्त प्राणियों में श्रद्धा, आदर, सम्मान के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में भक्ति, निष्ठा, अनुराग के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में लक्ष्मी, वैभव के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

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