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घरेलु उपाय

में कुछ घरेलु उपचार लिख रहा हूँ। आप इन्हे अच्छे वैद जी की सलाह से ले सकते हैं क्योंकि आपकी बीमारी को देखते हुए वैद जी ही आपको सही सलाह दे सकते हैं।
कुछ उपाय निम्न प्रकार हैं। :-

तुलसी एक दिव्य पौधा है।
(कैंसर में भी लाभदायक )

तुलसी की २१ से ३५ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भांति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठी दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खायें। ध्यान रहे दही खट्टा न हो और यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम दवा शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भुलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं। दवा दिनभर में एक बार ही लें परन्तु कैंसर जैसे असह्य दर्द और कष्टप्रद रोगो में २-३ बार भी ले सकते हैं।

इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, ताजा जुकाम या जुकाम की प्रवृत्ति, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, मन्दाग्नि, कब्ज, गैस, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं।

यह प्रयोग कैंसर में भी बहुत लाभप्रद है।


सेब स्वस्थ के लिए लाभदायक
(कैंसर में भी लाभदायक )


दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शान्त होता है। पन्द्रह दिन लगातार खायें। थाली बर्तन फैंकने वाला और पत्नि और बच्चों को मारने पीटने वाला क्रोधी भी क्रोध से मुक्ति पा सकेगा।

जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हो और जिन विद्यार्थियों को पाठ याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है।

कहावत है - "एक सेब रोज खाइए, वैद्य डाक्टर से छुटकारा पाइए।"

जोड़ों के दर्द (गठिया) का अचूक उपाय

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो - दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

या

नागौरी असगन्ध की जड़ और खांड दोनों समभाग लेकर कूट-पीस कपड़े से छानकर बारिक चुर्ण बना लें और किसी काँच के पात्र में रख लें। प्रतिदिन प्रातः व शाम चार से छः ग्राम चुर्ण गर्म दूध के साथ खायें। आवश्यकतानुसार तीन सप्ताह से छः सप्ताह तक लें। इस योग से गठिया का वह रोगी जिसने खाट पकड़ ली हो वह भी स्वस्थ हो जाता है। कमर-दर्द, हाथ-पाँव जंघाओं का दर्द एवं दुर्बलता मिटती है। यह एक उच्च कोटि का टॉनिक है।


पेट में कीडे

अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर समभग गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है।

या सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बडे २५ ग्राम) गुड खाकर दस - पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बडे एक - दो ग्राम) अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं।

या अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चुर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें।

या अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।

तनाव दूर करें
( क्योंकि हर बीमारी की जड़ है तनाव )


तनाव के बुरे प्रभावों को हम सभी जान चुके हैं, लेकिन अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार मसूड़ों की सड़न से लेकर खांसी और बुखार जैसी बीमारियों के लिए भी यह जिम्मेदार है।

'एसोसिएशन आफ साइकोलाजिकल साइंस' की मासिक पत्रिका 'आबजर्वर' द्वारा प्रकाशित इस अध्ययन में मनोविज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, स्नायु विज्ञान और अनुवांशिकी के क्षेत्र में किए गए अध्ययन के अनुसार तनाव लगभग सभी बीमारियों की जड़ है।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार तनाव विपरीत परिस्थितियों के अनुसार ढलने की इंसान की क्षमता को प्रभावित करता है। तनाव की परिस्थिति में 'एड्रनलीन' और 'कार्टीजोल' जैसे हारमोन निकलते हैं जिनके चलते धड़कन तेज होने और सांस की गति बढ़ने के अलावा रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।

अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि तनाव के चलते मस्तिष्क में होने वाले बदलाव पेट व आंतों की गड़बड़ियों सहित मसूड़ों में खराबी, मधुमेह यहां तक की कैंसर का भी कारण बन सकते हैं। साथ ही इसके चलते कैंसर जैसी बीमारी और एचआईवी जैसे वायरसों से लड़ने की क्षमता भी प्रभावित होती है।


आशा करता हूँ की आप सबसे इनसे लाभानावित होंगे ।




सावधान

सावधान

यदि आप मोबाइल काम में लेते हैं तो ध्यान रखें.

Don't put your mobile closer to your ears until the recipient answers, Because directly after dialing, the mobile phone would use it's maximum signaling power, which is: 2watts = 33dbi। Please Be Careful. Please use left ear while using cell (mobile), because if you use the right one it may affect brain directly. This is a true fact from Apollo medical team.


कोल्ड ड्रिंक ना पियें

1) Do not drink APPY FIZZ . It contains cancer causing agent.

2) Don't eat Mentos before or after drinking Coke or Pepsi coz the person will die immediately as the mixture becomes cyanide. Please fwd to whom u केयर


ध्यान रहे कुरकुरे हानिकारक हैं
Don't eat kurkure because it contains high amount of plastic if U don't Believe burn kurkure n u can see plastic melting. Please forward to all!!!!!!!!!!! News report from Times of इंडिया


ये दवाईया स्वास्थय के लिए हानिकारक हैं
Avoid these tablets as they are very dangerous
* D cold
* Vicks action- 500
* Actified
* Coldarin
* Co some
* Nice
* Nimulid
* Cetrizet-D
They contain Phenyl- Propanol -Amide PPA।Which Causes strokes, and these tablets are banned in U.S॥


कोटनबड

cotton Ear Buds... (Must read it) Please do not show sympathy to people selling buds on roadside or at Signals..... Just wanted to warn you people not to buy those packs of ear buds you get at the roadside। It's made from cotton that has already been used in hospitals। They take all the dirty, blood and pus filled cotton, wash it, bleach it and use it to make ear buds। So, unless you want to become the first person in the world to get Herpes Zoster Oticus (a viral infection of the inner, middle, and external ear) of the ear and that too from a cotton bud, DON'T BUY THEM!