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कविताएं

लैंसडाउन (उत्तराखंड)
और
मेरी कविताएं

मई 2019
लैंसडौन : उत्तरांचल की खूबसूरत जगहों में से एक है, यदि जीवन में सुकून से एकांत पल बीताने हो तो लैंसडौन बहुत ही खूबसूरत और प्यारी जगह है...

छावनी क्षेत्र होने के कारण  यहां साफ सफाई और पर्यटन कि जगहों का पूरा ध्यान रखा जाता है.. बाजार एक ही है..  भुल्ला ताल, आर्मी म्यूजियम, चर्च इत्यादि देखने लायक जगह है.. आस पास तड़केश्वरजी का मंदिर है ... कोटद्वार में सिद्धबली हनुमानजी का मंदिर नदी के किनारे बहुत ही सुंदर है..

संलग्न चित्र सूर्योदय का है जो टिप इन टॉप से लिया है साथ में सरकारी रिसोर्ट "टिप इन टॉप" है जहां से प्राकर्तिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है...

आओ कुछ पल बिताएं
इन फूलों के साये में
क्योकि
अपनी तो यारी है
इन फूलों से....
😃😃😊🥰🥰🥰🥰🥰🎉🥳🎉🎉


फिर सूरज ले आया 
एक नई आस
कहने लगा
जीवन व्यर्थ ना गवायें
मेरी तरह
इस जग को चमकाएं....
🥰🥰🥳🥳🍧🍧😍😍😍🌞🌞


कुछ पल बिता लें 
इन फूलों के साये में
क्योंकि यारी है फूलों से 
हमारी तो यारी है
😍😍😍😍😍😍🍧🍧🍧🍧🌞🌞


सूखी नदिया
सूखा पेड़
मिलकर रोने लगे
ये पानी क्यों रूठा
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😭😊😭


ये कलियुग है
मौसम की तरह
लोग भी यहां 
पल पल बदल रहे हैं...
😍😍😍😍🙏🙏🙏🌞🌞🍧🍧

ए मेरे दिल कहीं और चल
गम की दुनिया से जी भर गया
ढूंड ले अब कोई घर नया.....
फिल्म : दाग : 1952
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🍷🍷
लैंसडौन (उत्तराखंड)


GMVN का टिप इन टॉप रिजॉर्ट्स

कविताऐं

कविताऐं….................

अनजाने रास्तों की
मनचाही मंजिलें नहीं होती
क्यों ना चलें हम सब
साथ साथ...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😁


रातें हैं
तो ख्वाब हैं
इन ख़्वाबों का क्या.....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


धूप भी सिखाती है
छावं भी सिखाती है
ये जो जिंदगी है ना अपनी
फिर इस से नाराज़गी कैसी.........
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


कल चांद
सपनों में नही
बालकनी में मिलने आया.....
😀😀😀😀😉😉😉🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


मुसीबत 
सभी पे आती है
फिर ये नाराजगी कैसी....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


थाम लो ख्वाइशें अपनी
वार्ना जिंदगी
अपना तरीका बदल देगी.......
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😃😃😃


जिंदगी को 
बेहतर बनाने के लिए
जिंदगी से ही 
जंग मौल ले ली मैंने.........
😃😃😃😃😃😃😃😃🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


हवाओं से 
नही बदले हैं रिश्ते मैने 
जिधर ले चले
चला जाता हूँ मै.........


कोई तो लिखता है
नसीब हम सबका
वरना 
पत्थरों के शहर में
हमारा भी एक महल होता
सपनों का........


सांझ ढलने लगी
सूर्य हुआ मध्यम
सभी घर को लौट चले.....


कविताऐं



शाम...
सुहानी शाम 
ढलता सुरमयी सूरज
मदहोश है सिंदूरी शाम
जमीं ने आज फिर 
खुशियों की मांग सज़ा ली है..
😃😃🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


दिल.....
इस छोटे से दिल में
मचलती हैं यादें
बड़ी बड़ी सी..
🌞🌞🌞🥰🥰🥰🌻🌞🌞🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


मिलना....
मौका नही मिलता
रोज़ रूबरू होने का
कभी कभी मिलना
बहुत अच्छा लगता है ....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🌞🌞🙂


ये रास्ते.....
ये रास्ते 
राह दिखलाते हैं
पहुंचाते हैं मंज़िलों तक
सफर हो प्यारा तो
उड़े चले जाते हैं
मंज़िलों का क्या
हर मोड़ पर
यादों के सिलसिले
जुड़ते जाते हैं...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🙂


वक्त....
वक्त की फितरत तो देखो...
कहाँ से कहाँ ले जाता है..
घूम के उसी जगह पे ले आता है
जहां से हम चले थे कभी साथ साथ.....
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

कविताऐं

ये जिंदगी..............
ये जिंदगी भी ना
तारीफों में ना सही
तानों में तो कट ही जाएगी..
घबराना अब कैसा
जब पाने को कुछ नहीं
तो खोने का डर कैसा
उम्र संग ये तो हर पल 
घटती ही जाएगी..........
आचरण व्यवहार संस्कार
ही नहीं शिक्षा दीक्षा भी बताते हैं
इंसान कैसा था कैसा है........
जिंदगी बिखरे पन्नों सी
क्यों ना फिर इसे
करीने से सजाइए.......
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀🙂

बचपन...........
मत छीनो बचपन
इन, नन्ही नन्ही कोपलों का
खिलने दो, 
मुस्कुराने दो
आज़ाद उड़ने दो
ये खुशबू है आँगन की
इन्हें रौंदों मत
बस महकने दो......
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀


इंसान.....
ओ जाने वालों
मुड़ मुड़ के ना देखो, यूं मुझे..
में कोई पुराना राजा तो नहीं हूँ
हाँ, एक नायाब, तराशा हुआ इंसान हूँ...
क्योंकि में classic हूँ....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂



कागज के फूल.......
हम टुकड़े, कागज़ के तो नही 
की उड़ जाएंगे ।
हम खुशबू है फूलों की, 
सूख गए भी तो, किताबों में रखे जाएंगे
😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃

जिंदगी एक कविता

कविताएं......


शौक.......
मुझे शौक नहीं है 
मशहूर होने का....
आप मुझे जानते हो 
बस इतना ही काफी है...

चिराग......
बनके चिराग
लोगों के मन का
अँधेरा दूर करो
कुछ ऐसे भी दिल होते हैं
जिनके पास रौशनी नही होती.....

घर.......
घर चाहे छोटा हो या बड़ा
पैर फैलाकर लेटने की जगह 
रखना चाहता हूँ
उम्र चाहे कुछ भी ही
खुलकर जीना चाहता हूँ..

जवानी....
जवानी सुबह सी
शाम यादों का सिलसिला
सूरज की तरह हमेशा 
मुस्कुराना चाहता हूँ...

खुशी...
कभी तारों को देखता हूँ 
तो कभी चाँद देख 
मुस्कुराना चाहता हूँ..

आंसू....
इन आँखों से देखे थे
कुछ ख्वाब मीठे से
ये कमबख़्त आंख के आंसू भी 
नमकीन निकले.....

गगन......
कभी बच्चा तो
कभी पंख लगा 
उड़ जाना चाहता हूँ..

जिंदगी...
जिंदगी क्या है दोस्तो 
मेरे लिए जिंदगी तो बस 
एक नई जंग है.

जीवन के रंग...
में देखता हूँ
रोटी को तरसते बच्चे
दूध पीते कुत्ते
इलाज की आशा में
लुटता मरीज
धनवान होता डॉक्टर
पैसों के लिए
जमीर बेचती औरत
दरिंदा बना आदमी
सरकारी दफ्तर में
रोता गरीब
दादागिरी करता अफसर
में सोचता हूँ
जीवन के रंग
कितने अजीब

बचपन.....
वो बचपन के दिन भी क्या दिन थे
बन्दर बन पेड़ों की शाखाओं पर चढ़ना
कुछ खाना कुछ फेंकना
वो गली में गिल्ली डंडा खेलना
और पड़ोस के खिड़की दरवाजे तोड़ना
परीक्षा के पहले मंदिरों के दर्शन करना
परसेंटेज को गोली मारो, 
हे भगवान् बस पास कर देना
वो रामलीला के चर्चे, 
वो होली का हुरदंग
दिवाली हो या ईद बस मजे करना
वो बचपन की यादें 
एक मीठा एहसास
याद की गठरी बन कर रहता है पास
जिन्दगी भर मुस्करानो को ...............


कविताएं

चित्र : सनावर, कसौली हिमांचल प्रदेश

पहाड़ के जिस्म पर
हरी मखमली चादर
शान से खड़े विशाल वृक्ष
उन्मुक्त पक्षियों का झुंड
ये कौन चित्रकार है.....

🌞🌞🌞🙂🙂😃😃🙂🙂😃😃🙂🙂🙂🌞🌞


चित्र : लोधी गार्डन, दिल्ली 

वो शहर ही क्या
जहां पुरानी इमारतें न हो
बोलते खण्डहर ना हो
वरना वो गौरवशाली अतीत
कौन बताएगा...
🙂🙂🌞🌞😃😃🙂🙂🌞🌞🙂😃🙂🌞🔆🔆

भूली हुई यादें

बिल्कुल अकेले हैं आप जब...
कोई यात्रा नहीं करते, 
कोई किताब नहीं पढ़ते, 
दूसरों में दोष देखते हैं,
जन्मदिन पर किसी को याद नहीं करते
दोस्तों के संग गप्प नहीं हांकते
बीते सुहाने पल याद नहीं करते
दूसरों की बुरी आदतों को नहीं भूलते
किसी की तारीफ नहीं करते, 
संगीत का आनंद नहीं लेते..
चले आओ फिर कुछ नया करते हैं ; 
चलो घूमने चलते हैं
😁😀🙂🌞🌞🙂🙂😃😃😃😃🌞🌞🌞🌞



मैं और मेरी साईकल
खुद भी गिरती है
मुझे भी गिरती है
गिर गिर के सम्हालना
सम्हलकर सम्हलकर चलना 
मुझे सिखलाती है...

हल्का भारी सब सह जाती 
जिंदगी को बोझ मत समझो
सबको यह सिखलाती है...

सहेली बचपन की मेरी😁
संग मुझे ले जाती है
खूब घुमाती हैं..
अक्सर कहती है
चल कहीं दूर निकल जाएं..
😊😊😊😊😊🙂🙂😃😃🌞🌞😃🙂😃🙂🙂



शाम 
ढलती उम्र
उलझने जिंदगी की
समझदार नहीं बनाती हैं..
मुड़कर मत देखो
अनजान राहें ही
मंजिल तक ले जाती हैं...

चल फिर कहीं दूर निकल जाएं....
🌞🌞😃😃🙂😃🌞😃🙂🙂🙂🌞🌞😃😃


शिकायतों का 
कोई अंत नहीं है दोस्तों ....
जो मिला है, 
उसी में खुश रहो ...
क्योंकि, 
किसी को ये भी नसीब नहीं है..
🙂🙂🌞🌞😃😃🌞🙂🌞🌞😃🙂🙂🙂🌞🌞😃

कविताएं : सुनहरी यादों के पल

कविताऐं: यादों के सुनहरे पल

लो ये फसलें भी 
काट ली गईं है
जब शरद ऋतु ने 
आवाज़ दी...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🌞😊☺️🌞🌞🌞


शरद ऋतु की 
चांदनी रात हो 
या अंधेरी 
हम भी ठिठुरेंगे
तुम भी ठिठरोगे
चाँद भी ठिठुरेगा
सूरज भी ढका होगा
गहन कोहरे में.......
खुशी का पल होगा
जब प्रभु राम का 
दीपावली में आगमन होगा
नव दीप जल उठेंगे
खुशियां का अंबार होगा..
☺️☺️☺️😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


कभी लंच टाइम
तो कभी शामें
कभी मूंगफली के दाने
कभी समोसे
तो कभी छोले कुलचे....
कुछ पुराने साथी
और उफ ये शहर, दिल्ली
बहुत याद आते हैं
😀😀😀😀😀🙂🙂🙂🙂🙂🙂🤥🤥🤥🤥🙂


तीन दोस्त
साईकिलें
एक हाफ
और पूरा शहर
वो भी क्या दिन थे
😊😊😊😊😊😊😊😊😊☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️


अक्सर धूप से 
काले नही होते हैं लोग 
जल भुनकर कर भी 
स्याह हो जाते हैं ....
🌞🌞🌞🌞🌞🌅🌅🌅🌅🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


उम्र भर पलटते रहा, 
किताबों के पन्ने 
अपनी ही कहानी 
नज़र आयी किताबो में ....
☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️👍☺️👍👍👍👍👍


कभी राम 
कभी रावण 
क्या क्या बनना पड्ता है 
इस छोटी सी जिन्दगी में 
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😂😊


ये पल
पल पल बीत रहा है
आओ मिल जायें
सुमन और सुगंध की तरह
😂😂😂😊🌞🌞🌞🌞🌞🌞😍😊😊😊😊😊😊


आज जिंदगी को, 
करीब से देखा
कोई गुब्बारा बेच के खुश है, 
तो कोई खरीद ककर..
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🍨🍨🍨🍨☺️☺️☺️☺️☺️☺️


कुछ लम्हे चुरा लूँ, 
तुम्हारे आज 
कल जिंदगी 
हम हो न हो.......
😊😊😊😊😊🌞🌞🌞😊😊🌞🌞😊😊🌞🌞


मै कलम, 
तुम स्याही ।
आओ मिलकर, 
जिंदगी की किताब लिखें....
☺️☺️🍨🍨☕☕😍😍😍😍🙂🙂🙂☺️☺️😊😊


कविताऐं : दिल ने फिर कहा

जब से
चांद बेगाना हुआ
तब से चांदनी भी
रूठ गई है हमसे... 
🌞🌞🌞🌞😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


इस जिंदगी को
आज भी है इंतजार तुम्हारा
बेकरारी तो आज भी है
बस तस्वीरों से इज़हार है
तुम मानो या ना मानो
वजह तो आज भी जिंदा है 
देखता हूं जब जब 
फूलों सा मुस्कुराता हुआ
मुखड़ा तुम्हारा...
😀😀😀🌞🌞😊😊😃😃😃😃😃😃😃😃😃


आज का ज्ञान
"कर्ज और मर्ज से घिरा इन्सान कुछ भी कर सकता है"
उपाय : इनसे दूर ही रहेँ
😂😂😂🌞🌞🌞😊😃🙂🙂🙂🌞🌞🍨🍨🌞😯


मेरे दिल की अल्मारी में
कुछ स्लेब हैं 
जिसमे खुशी, गम 
और ढेर सारी यादें हैं ...
नोट :  कुछ जगह आपके लिये भी है - occupy karoge kya... 
😂😊😊🙂🙂😃😃🙂🙂😯😯😊😊😃😃🙂😀


रुठे हुए यार को
मुह फुलाए दोस्त को 
मनाते हुए कहा
"कैसे हौ यार"
वो हँसा और गले लग गया..
 😂😂😊😊😊😯😯😊😊😃😃😃😃😃🌞🌞


शून्य 
और एकान्त..
ये ही जीवन के निजी और प्यारे पल छिन हैं जहां भरपूर ज्ञान की प्राप्ती होती है 
😂😂😂😀😀😁😁🥰🥰😍😍😊😊😊😀😀😀