रुचियां लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रुचियां लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रिटायरमेन्ट की खुशी


सेवानिवृत्ति और खुशी

अक्सर हम सोचते हैं की जब सेवानिवृत्त होंगे तो क्या करेंगे, कैसे खुश रहेंगे, कैसे समय बिताएंगे और उम्र के साथ अपने आप को कैसे स्वस्थ रहेंगे ? 

मित्रो हमें खुश होना चाहिए की एक लंबे अंतराल के बाद हमें खुश और स्वतंत्र रहने का एक अच्छा अवसर मिला है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद हमारा जीवन एक नया जन्म लेता है जिसमे हम अनुभवी और स्वतंत्र होते हैं जहां  पर काम का कोई बंधन नहीं होता है हम अपने ऑफिस के कार्य से मुक्त होते हैं.

मेरे विचार से खुश, संतुष्ट और पूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए हमे कुछ बातों पर विचार ही नहीं इनका पालन भी करना चाहिए, मैं इन 8 सूत्रीय  विचारों को आपके साथ शेयर करूंगा ;

1. लक्ष्य निर्धारित करें : 
हमें क्या करना है ? कैसे करना है ? ये सब लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए क्योंकि लक्ष्य-निर्धारण में शक्ति और आकांक्षाएँ हमको मार्ग दिखा सकती हैं और हमारी प्रेरणाशक्ति के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं. परिणामस्वरूप जो भी लक्ष्य हमने निर्धारित करेंगे उनके करीब पहुंचने में भी मदद करेंगी.



2. दैनिक दिनचर्या और व्यायाम :
हमें अपनी एक दैनिक दिनचर्या बनानी चाहिए क्योंकि ऐसा न हो की रिटायरमेंट के बाद आलसी हो जाएं जैसे कि अधिक सोना, व्यर्थ समय नस्ट करना और व्यायाम इत्यादि छोड़ देना इसीलिए हमारा सुझाव है की सेवानिवृत्त होने के बाद एक नई दैनिक दिनचर्या स्थापित जरूर करें और उसका जरुर पालन करें.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ अच्छे शारीरिक व्यायाम हैं जिन्हे शारीरिक क्षमता के हिसाब से किया जा सकता है जैसे...
योग और कुर्सी योग
चलना और दौड़ना
कोई भी ईजी वर्कआउट
जुम्बा, एरोबिक और डांस
साइक्लिंग


3. स्वस्थ खानपान :
रिटायरमेन्ट के बाद एक संतुलित आहार हमें वजन नियंत्रण के साथ ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाने में लाभकारी होता है और इतना ही नहीं हमें हृदय रोग, मधुमेह और अन्य पुरानी बिमारियों के जोखिमो से भी बचाता है

इसलिए याद रखें हमेशा हाइड्रेटेड रहें (खासकर गर्मियों में),  बहुत सारे फल, ड्राई फ्रूट्स और सब्जियां खाएं याद रहे मौसमी फलों और सब्जियों का ही प्रयोग करें.


4. ध्यान योग :
ध्यान हमारे हिंदुस्तान के महान ऋषियों मुनियों की देन है जिसे हम भारत में ध्यान योग कहते हैं और  विश्व में इसे मेडिटेशन और अन्य कई नामों से पुकारते है. 

याद रहे की ध्यान हमारे तनाव के स्तर को कम करने और अवसाद से बचाता है. हमें इसे अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. ज्यादा नहीं तो प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट का अभ्यास तो करना ही चाहिए.

5. अपने वित्त को व्यवस्थित करें :
सेवानिवृत्ति के बाद आमदनी और खर्च दोनो कम हो जाते हैं अतः वित्त पर नियंत्रण भी जरूरी है जैसे :
रिटायरमेंट के फंड को कहां निवेश करें जिससे आपकी मंथली इनकम बनी रहे. भारत सरकार ने 60+ वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत सी स्कीमें बनाई है हम अपनी सुविधानुसार उन्हें चुन कर इन्वेस्ट करें यदि आप जोखिम लेकर लाभ अधिक चाहते हैं तो शेयर और म्यूचुअल फंड्स में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं.

यदि आपके पास काफी धन है और आप उसे मैनेज नहीं कर सकते हैं तो तो आप एक अच्छे वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं लेकिन याद रहे वित्तीय सलाहकार चुनने में जल्दबाजी न करें क्योंकि कई सलाहकार कमीशन के चक्कर में आपको फंसा भी सकते है.


6. नए शौक शुरू करें :

सेवानिवृति के बाद अक्सर लोग ये सोचते हैं की समय को कैसे व्यतीत करें, इसके लिए आपको नए शौक पैदा करने पड़ेंगे या पुराने शाैकों को जिंदा करना पड़ेगा.

आप  चाहें तो  म्यूजिक, भाषा,  कुकिंग, नए गेम्स, लेखन, कविता लेखन और स्केचिंग  सीख सकते हैं. आजकल डिजिटल युग में ब्लॉगिंग, फेसबुक, ट्विटर और कई सोशल साइट्स को भी ज्वाइन कर सकते हैं.

विदेश यात्रा करें, प्रकृति का आनंद लें, पहाड़ों की सैर करें, योगा कक्षाएं ज्वाइन करें अर्थात जो आपको खुशी दे वही शौक अपनाएं.


7. सामाजिक संपर्क :
सेवा में रहते हुए आपका सामाजिक दायरा समय के अभाव के कारण सीमित रहता था तो सेवानिवृत्त होने के बाद इसे बढ़ाएं जैसे सगे संबंधियों, पड़ोसियों, पुराने दोस्तों से मिलें, उनके साथ घूमने का कार्यक्रम बनाएं, भजन करें,  नई जगह की खोज करे और इतना ही नहीं अपने ही शहर को एक सैलानी के रूप में देखें.

मेरे विचार से कम से कम सप्ताहांत में रिश्तेदारों से मिलने जाएँ, किसी सोशल क्लब या ग्रुप में शामिल हों जाएं, या महीने में एक बार पुराने सहकर्मियों के साथ डिनर के लिए ही बाहर चले जाएँ, इससे ये होगा की आपका सामाजिक संपर्क बना रहेगा और आप अपने आप को एक्टिव भी महसूस करेंगे.


8. हमेशा एक्टिव रहें :
यह तो हम सब जानते हैं की खाली दिमाग शैतान का घर होता है क्योंकि यही खाली दिमाग आपको अवसाद से भी भर सकता है. इसलिए हमेशा सकारात्मक विचार रखें, एक्टिव रहें, व्यस्त रहें, समय का सदुपयोग करें और उपरोक्त  8 सूत्रीय बातों का पालन भी करते रहें अर्थात जीवन को भरपूर जीएं और उन कामों को करें जो आप अपने पूरे कामकाजी जीवन में नहीं कर पाए हों. याद रहे ये जिंदगी ना मिलेगी दुबारा.


आपको ये 8 सूत्रीय विचार कैसे लगे, कृपया कॉमेंट्स में अपने विचार जरुर लिखें