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मधुशाला

मधुशाला
शराब तो यूं ही बदनाम है

जब से जुदा हुए हैं
वो हम से
हमे तो अब ईश्क़ हो गया है,
शराब से 
रोज मिला करती है अब वो
मयखाने में .......


शराफत 
सीख ली है हमने 
शराब से,
बोतल के अलावा
निगाहें अब
कहीं और नहीं टिकती...


वो जो हमको 
खराब कहते है
वो खुद शराब पीते हैं
वो भी छुप छुप के...


हर किसी के पास
एक साथी तो है
मेरा साथी तो 
अब शराब है
और मेरा घर ही है
मेरी मधुशाला...