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सूर्यदेव : जाग्रत देवता



सूर्यदेव: जाग्रत देवता...........

आओ जाग्रत देवता भगवान सूर्य देव की प्रार्थना करें :

ॐ सूर्याय नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ भास्कराय नमः

🙏🙂🙏
ॐ असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः 

Om Asato Maa Sad-Gamaya |
Tamaso Maa Jyotir-Gamaya |
Mrtyor-Maa Amrtam Gamaya |
Om Shaantih Shaantih Shaantih ||

Meaning:
1: Om, (O Lord) Keep me not in (the Phenomenal World of) Unreality, but make me go towards the Reality (of Eternal Self),
2: Keep me not in (the Ignorant State of) Darkness, but make me go towards the Light (of Spiritual Knowledge),
3: Keep me not in (the World of) Mortality, but make me go towards the World of Immortality (of Self-Realization),
4: Om, Peace, Peace, Peace.
🙏ॐ🙏

शिव की डूंगरी, चाकसू

शिव डूंगरी : चाकसू (जयपुर) 

जयपुर शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर चाकसू में एक अकेली ऊंची पहाड़ी ; शिव डूंगरी नामक स्थल पर भगवान शिव और गोरखनाथ जी का मंदिर है.

शिव मंदिर की ऊंची पहाड़ी पर करीब 500 सीढ़ियां चढ़ कर जाना पड़ता है कहा जाता है की यह मंदिर 2500 साल पुराना है यहां स्थित शिवलिंग विशेष पत्थर से बना हुआ है. इस जगह को गुरु गोरखनाथ जी का भी निवास स्थान भी माना जाता है यहीं एक धूना भी है जो प्राचीन काल से बना हुआ है. यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है और श्रद्धालु बहुत दूर से दर्शन को आते है.

पर्यटन की दृष्टि से भी यह स्थान बहुत सुंदर है, यहां से आपको चारों तरफ सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं जिनमे वन क्षेत्र और एक विशाल झील भी दिखाई देती है.

शिव की डूंगरी जाने के लिए सीडियां .....


शिव मंदिर में विशाल शिवलिंग.....


शिव मंदिर के सामने धूनी और गोरख नाथ जी का मंदिर..
मंदिर की पहाड़ी से दिखाई देते है, ये सुंदर दृश्य.....


श्री हनुमान


बालक रूप श्री हनुमान..

बाल समय रबि भक्षि लियो तब, 
तीनहुँ लोक भयो अँधियारो ।
ताहि सों त्रास भयो जग को, 
यह संकट काहु सों जात न टारो ॥
देवन आन करि बिनती तब, 
छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, 
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ 

आप सभी को बाल रूप हनुमानजी का शुभाशीर्वाद, 
हनुमानजी भगवान शिव का अवतार हैं ये बड़े भोले और पराक्रमी हैं, इनमे इतना पराक्रम है कि एक बार इन्होंने सूर्य देव को निगल लिया था तब विश्व में त्राहि त्राहि मच गयी थी, सभी देवताओं के अनुनय विनय के बाद उन्होंने सूर्य देव को छोड़ा इसलिए हनुमानजी को संकटमोचन कहते हैं।

जय श्री हनुमान जी
🙏🌹🙏

खाटू श्याम जी मंदिर


श्री खाटू श्याम बाबा

तोरण द्वार, खाटू 

निशान


खाटू श्याम मंदिर

राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के पास सीकर जिले में रींगस रेल्वे स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर दूर खाटू श्याम जी का एक भव्य मंदिर है. 

यह विशाल मंदिर जयपुर शहर और जयपुर एयरपोर्ट से लगभग 90 किलोमीटर दूर है, मंदिर परिसर के आस पास बहुत से रेस्टोरेंट, होटल, धर्मशालाएं, आराम करने की जगह और पार्किंग की बहुत सी सुविधाएं हैं. 

अभी हाल ही में भक्तों की सुविधा को देखते हुए मंदिर कमेटी और सरकार ने इसी वर्ष 2023 में मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया है ताकि हजारों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन जल्दी और आसानी से कर सकें.

इस मंदिर में खाटू श्याम जी के रूप में पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक की पूजा की जाती है जिनको कलयुग में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. खाटू श्याम जी को कई नामों से भी पुकारा जाता है जैसे खाटू नरेश, श्याम बाबा, लखदातार, हारे का सहारा इत्यादि.

कहते हैं, खाटू श्याम जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और साथ ही बिगड़े काम भी बन जाते है. इसलिए भक्त इनके दर्शन के लिए दूर दूर के राज्यों से आते हैं. ग्यारस, शनिवार और इतवार को तो यहां हमेशा मेला जैसा लगा रहता है.

यदि आप पैदल चलकर दर्शन करना चाहते हैं तो नगर पालिका भवन और पार्किंग से मंदिर का रास्ता तोरणद्वार होकर जाता है. यह रास्ता तंग गलियों से होते हुए आपको मंदिर तक ले जाएगा. रास्ते में आपको राजस्थानी परिधानों में सजे संवरे स्त्री पुरुष देखने को मिलेंगे साथ ही गलियों के दोनो तरफ मिठाई, प्रसाद और घर सजावट इत्यादि का सामान की दुकानें भी देखने को मिलती हैं. बहुत से झंडों की दुकानें जिन्हे निशान कहा जाता है, भी देखने को मिलती हैं. कुल मिलाकर ईश्वर दर्शन के साथ ग्रामीण जीवन की झलक भी पा सकते हैं. एक बार कलियुग के देवता के दर्शन जरूर करें..

ॐ क्लीं कृष्णाय नमः

कृष्ण कहते हैं

युद्ध कर....

युद्ध के मैदान में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा
हे अर्जुन यदि तू युद्ध नहीं करता है तो इतिहास में सदियों तक तेरी अपकीर्ति होगी और अपकीर्ति मरण से भी बढ़कर है.. तू जय पराजय, परिणाम आदि की चिंता न करते हुए अब केवल युद्ध कर क्योंकि यही छत्रियों का धर्म है..

कृष्ण ने कहा अर्जुन से
ना प्यार दिखा दुश्मन से
युद्ध कर... 
युद्ध कर ...

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
🙏🕉️🙏

जगदीश जी मंदिर, गोनेर जयपुर

श्री जगदीश जी का मंदिर
ग्राम : गोनेर (जयपुर)

जयपुर शहर से करीब 20 KM दूर प्रताप नगर के नजदीक ग्राम गोनेर में श्री जगदीश जी महाराज का अति प्राचीन और सिद्ध मंदिर है जो ग्रामीण जनों के बीच तो बहुत ही प्रसिद्ध है. लोगो का मानना है की यह मंदिर ५०० साल से भी ज्यादा पुराना बना हुआ है और इस मंदिर की पूजा सदियों से चलती आ रही है. यहां एक पुराना फोर्ट भी है जिसमे एक जमाने में राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान चलता था..

किवदंती है की श्री जगदीश महाराज की मूर्ति अपने आप जमींन से प्रकट हुई है और फिर बाद मैं इस मूर्ति को विधि विधान के साथ मंदिर मैं स्थापित किया गया था जिसमें जयपुर राजघराने ने भी सहायता की थी..... जगदीश जी के भक्तों में इस मन्दिर की बहुत मान्यता है, यहां श्रद्धालु जो भी मांगता है उसकी इच्छा पूरी हो जाती है. एकादशी को यहां बहुत भीड़ होती है.

मंदिर के पास ही एक तालाब है को बारिश में भरा होता है, एक छोटा सा ग्रामीण मार्केट भी है जहां प्रसाद से सजी दुकानें हैं, परचूनी, चूड़ियों की दुकानें हैं, कृषि संबंधी औजारों की दुकानें यानी आस पास के ग्रामीण लोगों के लिए सभी जरूरी सामान यहां उपलब्ध है. 

एक खास बात है की यहां जिसकी मांग यानी मन्नत पूरी जो जाती है वह भगवान को भोग में मालपुआ, दाल और मिर्च के टपोरे और खीर का भोग लगाकर अपने संबंधीयों और मित्रों को खिलाते है . ये वास्तव में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. यहां इनको बनाने वालों की बहुत सी दुकानें है, आप इनको खरीद कर घर भी ले जा सकते हैं.

यदि आप ग्रामीण जीवन की झलक, ग्रामीण जीवन, पहाड़ का और प्रभु के दर्शन का आनंद चाहते हैं तो जयपुर से इस ग्रामीण मंदिर में जरूर आएं, हां ये चोखी ढाणी और टोंक रोड से करीब 7 KM होगा. जयपुर शहर से लोकल सिटी बस भी आती है. 

ॐ विष्णवे नमः 





 

सरस्वती मंत्र


 

विद्यादायिनी मां सरस्वती का मंत्र....

ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता...

सद्गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता... 
चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी.
ॐ ॐ ॐ 

मंत्र संग्रह

मंत्र संग्रह...

प्रतिदिन स्मरण यो  शुभ एवं सुंदर मंत्र संग्रह ;  

  🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

         🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥

🔺त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण🔺

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥

              ♥ स्नान मन्त्र ♥

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

           🌞 सूर्यनमस्कार🌞

ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम् 
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥

ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

                🔥दीप दर्शन🔥

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

            🌷 गणपति स्तोत्र 🌷

गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।

विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥

        ⚡आदिशक्ति वंदना ⚡

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

           🔴 शिव स्तुति 🔴

कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥

              🔵 विष्णु स्तुति 🔵

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

            ⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫

कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

            ⚪ श्रीराम वंदना ⚪

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

               ♦श्रीरामाष्टक♦

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

    🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥

           🍁सरस्वती वंदना🍁

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती 
निःशेषजाड्याऽपहा॥

            🔔हनुमान वंदना🔔

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥

         🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹

 ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

            ❄ शांति पाठ ❄

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥ 

॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥ 
🌅🌿🍁🌻🔔🚩

कृष्ण वंदे जगतगुरूम

कृष्ण वंदे जगतगुरूम

भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों को कर्म का मार्ग दिखाते हैं और कहते हैं  की अपने कर्म समाज के प्रति और मानव कल्याण के प्रति केंद्रित करते हुए करो.... 

बाकी फल की चिंता मत करो..... उन सभी कर्मों को मुझे समर्पित करो... इस मार्ग को अपनाकर तुम मुझे प्राप्त कर सकते हो....मेरे प्रेम का भागीदार बन सकते हो...

जय श्री कृष्णा🙂🙂🙂🙂