तुम साथ चलो तो
मैं भी साथ साथ चलूँ ........
यहाँ वहां.. कहाँ कहाँ.. नहीं ढूंढा तुमको
यादों में अक्सर तुम आते हो
पक्षी चले गगन की और
हम चलें अपने पथ की और .....
चिराग जलाओ यादों के
उनकी याद जो आती है .......
सेवा जिसका धर्म है
वाही सच्ची नर्स है ........
मेरा प्यार, मेरा परिवार
मेरे जीने का आधार ......
दीप जले, दिवाली मने
मन का दीपक भी जलाओ दोस्तों .....
फूलों मुझे अज़ीज़ है
खिलकर शहीद होते हैं ओरों के लिए .....
एक ही ईश्वर है
वही शिव है ....
प्रथम पूज्य गणराज ......
नानक दुखिया सब संसार ............
उम्र की कुछ ऐसी है
थक के बैठेने को जी चाहता है ........
चाँद खिलता है
तो तारों को जीवन मिलता है ............
उसके आने की ख़ुशी में
सजाये जाते हैं चर्च ...........
चलो चले चाँद के पार
क्या करेंगे इस पार ............
चलो निकल पड़ें
एक नई मंजिल की और ..........
चमका सूरज
जागा किसान .............
भाषा धर्म अनेक
पर भारत फिर भी एक.......
आओ कुछ पल बैठें
कल का क्या पता .............
ये बचपना भी
एक दिन छिन जाएगा ....
बुद्ध भगवन कहते है
ईश्वर ही सत्य है ............
ये उम्र ही ऐसी है
शरारत करने को जी चाहता है .......
जवानी भी क्या चीज है.
तुमसे दिल लगाने को जी चाहता है ........
तेरी आँखें आज भी
मुझे घूरती रहती हैं .........
कलाओं का देश
मेरा भारत देश .......
वो प्यार भी प्यार करते हैं
तो तुम क्यों झगड़ते हो ........
प्यार अँधा नहीं
प्यारा होता है......
पढो और आगे बढ़ो......
बचपन भी कब जवानी में तब्दील हो जाता है.
दो घडी बैंठ लो छावं में
फिर तो दौड़ते ही रहना है ...........
प्यार से भी प्यारी है तेरी बातें ............
सबका मालिक है.
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