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कविताएं

वसुधैव कुटुंबकम्........

जिंदगी क्या है??
हम फ्लैट वालों से सीखिए
मिलजुलकर मस्त रहते हैं
फ्लैटस में रहते हैं हम..

वो प्यारे से अंकल हमारे
प्यारी सी भाभियां 
कुछ खामोश से दादाजी
आंटियां भी मस्त रहती हैं यहां
फ्लैटस में रहते हैं हम..

परिवारों के दरवाजे
एक आंगन में खुलते हैं
रोज़ प्रेम से हाय हेलो कहते हैं
फ्लैट्स में रहते हैं हम..

वो दिवाली हो या होली
मिलकर अपार्टमेंट सजाते हैं हम
मिठाई नमकीन की खुशबू
मिलकर मौज उड़ाते हैं हम
फ्लैट्स में रहते हैं हम..

जिन्दगी ना तेरी या ना मेरी
भगवान की दिया है सब कुछ
वसुदैव कुटुम्बकम को
दिल से लगाते हैं हम
यारो फ्लैट्स में रहते हैं हम..
😊😊😊😊😁😁😁😁🌞😁🌞🌞🌞😁🌞


मुझे शौक नहीं है पीने का....

इतना पियो
की लब खामोश रहें...
ये जमाना भी ना
गिर गया तो 
कोई उठाता नहीं
गिरे हुए को 
और गिराते हैं लोग.....
😊😊😊☺️☺️😁😁☺️☺️😊😊😊😊😃😊,😁😁


पीने वाले...

बड़े मासूम होते हैं
ये पीने वाले...
अक्सर मेहख़ानों में
वक्त जाया करते हैं..

😊😊😊😃😃😃😃😃😃😃😃🧁🧁🧁🧁