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डर

डर 

"शर्मा जी लो मिठाई खाओ मेरा बेटा USA में नई जॉब ज्वाइन कर रहा है, और उसको कंपनी वहीं बंगला कार भी देगी, आपका बेटा क्या कर रहा है" गर्व से ये सब बताने के बाद वर्मा जी ने शर्मा जी से पूछा

साथ ही खड़ा शर्मा जी का बेटा अमन बोला "चाचा जी मेरा भारतीय सेना में चयन हो गया है, में आज बहुत खुश हूं मुझे मातृभूमि की सेवा के साथ साथ भारत में ही रहने का सुख मिलेगा..

शर्मा जी भी नम्र होकर बोले "और हम सब अपने देश में अपने ही लोगों के बीच साथ साथ भी रहेंगे, चलो आपको बहुत बहुत बधाई रोमेश USA जा रहा है"

पत्नी गुजरने के बाद वर्मा जी ने अकेले ही इकलौते बेटे रोमेष की परवरिश में उन्होंने सारी उम्र गुजर दी थी , और अब शर्मा जी की बात सुनकर उन्हें कुछ डर सताने लगा था... 



दान

दान

"सेठ इस फकीर को कुछ दे दे, ईश्वर तेरी मनोकामना जरूर पूरी करेगा" फकीर दोनो हाथ फैलाए कुछ सिक्कों की उम्मीद कर रहा था

"तू क्या आशिर्वाद देगा भिखारी, ये देख मैं भगवान को सोने का मुकुट चढ़ाऊंगा और फिर देखना वो मेरी मानोकामना जरूर पूरी करेगा" सेठ भी मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए सोने का मुकुट दिखाते हुए घमंड से बोला

"अरे सेठ तू तो भगवान से भी सौदा करने आया है, भगवान तेरे दान का क्या करेगा, वो तो खुद दाता है, कुछ गरीबों के लिये भी दान पुण्य किया कर, ऊपर तेरे वो ही काम आएगा" इस बार भिखारी की बात में थोड़ी तल्खी और निराशा थी

मैं सोचता हूं, की इंसान भी क्या चीज है, सबके दाता श्री भगवान को दान के नाम पर देता है और उसी दान से अधिक पाने की उम्मीद करता है..