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तीर्थराज पुष्कर


तीर्थराज पुष्कर (राजस्थान)

राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 160 किलोमीटर दूर पहाड़ियों और रेतीले धोरों से घिरा एक छोटा सा कस्बा है जिसे पुष्कर कहते हैं. पुष्कर ; अजमेर जिले में आता है और ये अजमेर से करीब 17  किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा कस्बा है.

पुष्कर को "तीर्थराज पुष्कर" अर्थात तीर्थों का राजा कहते है. पुष्कर में स्थित जगतपिता बृह्माजी का मंदिर पूरे विश्व में एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर है. हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार पुष्कर को पांचवां तीर्थ माना जाता है. हरिद्वार की तरह पुष्‍कर भी हिन्‍दुओं का बड़ा तीर्थस्‍थल है. राजस्थानी इसे राजस्थान का हरिद्वार भी कहते हैं. पुष्कर सरोवर के चारों तरफ 52 घाट है जिनमे ब्रह्मा घाट और गऊ घाट ज्यादा प्रसिद्ध हैं, इसके अलावा यहां सैकड़ों मंदिर है जिनमें वराह मंदिर, गायत्री मंदिर और दक्षिण भारतीय शैली में बने मंदिर भी है.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी पृथ्वी पर यज्ञ करना चाहते थे और उन्होंने अपनी पत्नी सरस्वती जी को अपने साथ यज्ञ में बैठने के लिए कहा तो माता सरस्वती जी ने ब्रह्मा जी से कुछ देर इंतजार करने को कहा था लेकिन जब कुछ वक्त तक सरस्वती जी पृथ्वी पर नहीं पहुंची तब ब्रह्माजी ने वहीं एक ग्वालन से यज्ञ के लिए शादी कर ली. तभी जब सरस्वती जी यज्ञ में बैठने पहुंची और अपनी जगह किसी और को देखा तो वह क्रोधित हो गईं और ब्रह्मा जी को यह श्राप दिया कि आज के बाद इस पृथ्वी पर तुम्हारी कहीं पूजा नहीं होगी, लेकिन जब सभी देवी देवताओं ने उनसे विनती की और उनका मन शांत हुआ तब उन्होंने कहा कि हे ब्रह्मदेव, आपकी पूजा इस समग्र संसार में केवल एक ही जगह होगी और वह है पुष्कर.

पुष्कर पर्यटन की दृष्टि से भी प्रसिद्ध है जिनमे पहाड़ी के ऊपर बना सावित्री मंदिर है जहां से आप पूरे पुष्कर को, सरोवर को और चारों ओर फैले पर्वतों को निहार सकते हो.. मंदिर जाने के लिए रोपवे की सुविधा है आप चाहें तो सुंदर लाल पत्थर से बनी सीडियों के द्वारा भी जा सकते हो. आप यहां उंट गाड़ी से छोटे से रेगिस्तान की सैर भी कर सकते हो.. उंट वाला आपको बताएगा की यहां फलाना फिल्म की शूटिंग हुई थी. यहां इस छोटे से रेगिस्तान में लोग होर्स राइडिंग भी करते है वो भी फिल्मी स्टाइल में अब तो सुना है जीप भी चलने लगी हैं.. हां रात को सरोवर की छटा निराली होती है. अब तो कई होटल और कैफे खुल गए हैं जो सरोवर की छटा निहारने का मौका देते हैं

वैसे तो पुष्कर में हमेशा देशी और विदाशी सैलानियों का जमघट लगा रहता है, पुष्कर में हर बजट के होटल, रिजॉर्ट्स और कैंप उपलब्ध है.. यहां आप सजावटी चीजों की खरीददारी भी कर सकते है जैसे राजस्थानी वस्त्र, जूते, तलवार और अन्य सजावटी सामान.

पुष्कर से पहाड़ियों के रास्ते आप अजमेर की तरफ आयेंगे तो रास्ते में दाईं तरफ महाराणा प्रताप जी का स्मारक भी दिखेगा जहां से आप अजमेर को देख सकते हैं. अजमेर में आप आनासागर, 7 वंडर्स, पुराना किला और बहुत सी जगहों का आनंद ले सकते हैं.

तीर्थराज पुष्कर राजस्थान का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है कहते है चारों धाम की यात्रा के बाद पुष्कर की यात्रा जरूर करनी चाहिए तो फिर बैग उठाइए और पधारिए  

"पधारो म्हारे देश"

ब्रह्मा घाट

सावित्री मंदिर

सावित्री मंदिर से पुष्कर का विहंगम दृश्य

ब्रह्मा जी का मंदिर

रोपवे
रेगिस्तान का जहाज़: उंट




पुष्कर



पुष्कर झील और सावित्री मंदिर 
पवित्र पुष्कर झील, अजमेर से लगभग 10-12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह पवित्र् झील, राजस्थान ही नहीं भारत के लोगो के लिए पसंदीदा और अध्यात्मिक जगह है.  पुष्कर छोटी छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यहाँ ब्रह्मा जी का एक प्राचीन मंदिर है कहा जाता है की  भगवान ब्रह्मा जी का यह प्राचीन मंदिर पूरी दुनिया में एक ही है. पुष्कर हिंदुओं का परम तीर्थ है जहाँ मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है .
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, पवित्र पुष्कर झील को “तीर्थ राज” के रूप में जाना जाता है, कहा जाता है की कोई भी तीर्थ पवित्र पुष्कर झील में स्नान के बिना पूरा नहीं होता. पुष्कर में करीब 50 और 400 से अधिक मंदिर हैं.  झील के चारों और घाट और मंदिर बहुत ही सुन्दर लगते हैं. यही कारण है कि सदियों से धर्मावलम्बी, लेखक, कलाकार अपनी-अपनी कलाओं को निखारने के लिए पुष्कर आते जाते रहते हैं . ब्रह्मा मंदिर के अलावा यहाँ बालाजी मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, मन मंदिर, वराह मंदिर, आत्मेश्वर महादेव मंदिर आदि भी श्रद्धा के प्रमुख केंद्र हैं.  


मुझे पुष्कर नगरी हमेशा से चुम्बक की तरह खींचती है सच में इस शहर में एक जादू है. अक्टूबर / नवम्बर माह में वार्षिक मेले के दौरान यह नगरी देशी विदेशी लोगों से भर जाती है.


बारिश के दिनों में पुष्कर झील का : गऊ घाट से लिया गया चित्र 


मनोरम घाटों और सरोवर का सुन्दर दृश्य 

पुष्कर सरोवर के घाटों पर स्नान करते हुए श्रद्धालु


अजमेर से जब पुष्कर जाते हैं तो रस्ते में प्रताप स्मारक जरूर देखें यहाँ से अजमेर के सुन्दर द्रश्य नजर आते हैं . आप आना सागर झील भी देख सकते हैं . पहाड़ी मार्ग पर स्थित यह जगह बहुत सी सुन्दर है . 





सावित्री मंदिर


भगवान ब्रह्मा जी की प्रथम पत्नी, सावित्री देवी जी, को समर्पित यह मंदिर ब्रह्मा मंदिर के पीछे एक पहाड़ी में स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए कई सीढियाँ चढनी होती हैं वैसे पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ने यहाँ रोप वे की सुविधा भी दी है .  सावित्री मंदिर प्रांगण से पुष्कर सरोवर और आसपास के गाँवों का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है। खासकर बारिश के दिनों में पुष्कर हरा भरा हो जाता है जिससे और भी सुन्दर हो जाता है 



सावित्री माता के मंदिर से पुष्कर का विहंगम दृश्य . पुष्कर सरोवर यहाँ से साफ़ दिखाई दे रहा है . 


सावित्री माता मंदिर जहाँ आप बंदरों की अठखेलींया  देख सकते हैं . आपको इनसे सावधान भी रहना है ये खाने की चीजों के बहुत शौक़ीन हैं . 

पुष्कर में आप रेगिस्तान का आनंद भी ले सकते हैं . आपका ब्लॉगर मित्र एक बंजारा गायक के साथ 

पुष्कर की शान है ऊंट ; आप यहाँ के रेगिस्तानी जगहों की  सैर ऊंट की सवारी के साथ जरूर करें . आपको रेगिस्तान् की सैर का आनंद आ जाएगा.  आप यहाँ पर्यटकों  को " केमल सफारी" का आनंद लेते हुए और फोटोग्राफी करते हुए भी देख सकते हैं . 

पुष्कर के रेगिस्तान की एक झलक और दूर दिखाई देते हुए बंजारों के घर .