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नई नाथ शिव मंदिर

नई नाथ महादेव मंदिर : बांसखो, 
बस्सी, जयपुर, राजस्थान
नई नाथ महादेव की का मंदिर जयपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह जगह जयपुर से आगरा रोड पर बस्सी तुंगा मार्ग के रास्ते बांसखो पंचायत से अंदर करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है
चित्र : मुख्य मंदिर जहां शिवलिंग प्रकट हुए थे

यह प्राचीन शिव मंदिर करीब 350 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है की मंदिर में स्थित शिवलिंग स्वयंभू यानी अपने आप जमीन से प्रकट है. मंदिर का नाम नई नाथ क्यों पड़ा तो इस मंदिर के नामकरण की भी एक कहानी है. किवदंतियों के अनुसार सैकड़ों साल पहले बांसखोह में एक राजा हुए थे जिनकी तीन रानियां थी और विवाह पश्चात इन तीनों रानियों के कोई संतान भी नहीं हो रही थी तब यहां पास ही अरावली के जंगल में स्थित शिवमंदिर में रह रहे बालवनाथ बाबा ने रानियों को शिवमंदिर में पूजा करने की सलाह दी. उन तीनों रानियों में जो सबसे छोटी रानी थी उन्होने बाबा की आज्ञानुसार हर माह अमावस्या पूर्व चतुदर्शी को बांसखो के वीरान जंगल में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में पूजा करने व्रत लिया. कहा जाता है की रानी की पूजा से उनकी मुराद पूरी हुई और उन्हें संतान की प्राप्ति हुई. क्योंकि रानी की शादी कुछ समय पहले ही हुई थी और वो सबसे छोटी रानी थी अर्थात नई नवेली थी इसी वजह से इस स्थान का नाम नई का नाथ अथवा नई नाथ नाम से प्रसिद्ध हो गया.  
चित्र : मंदिर का प्रवेश द्वार

शिव मंदिर के पास ही बालवनाथ बाबा जी का धूणा भी है जहां उनके चरणों की पूजा होती है. बहुत से लोग मन्दिर में मन्नत मांगते है और मन्नत पूरी होने सवा मणि करते हैं जिसमे दाल बाटी चूरमा का भोग लगाते हैं.

चित्र : माताजी का विशाल मन्दिर 

यह जगह हरी भरी हरियाली से युक्त पहाड़ियों के बीच में बसी होने से सभी का मन मोह लेती है यहां पर रुकने के लिए सभी समाज के लोगों ने अपनी जाति के अनुसार अलग अलग धर्मशालाये बनाई हुई हैं जहां भक्त रुकते हैं. मंदिर के पास ही माता जी का भी एक विशाल मंदिर है. राजस्थान वन विभाग ने पास में ही लवकुश उद्यान भी बना रखा है जहां बहुत से बंदर रहते हैं. प्रकृति प्रेमियों को भी यह जगह पसंद आएगी. मंदिर तक पक्की सड़क है जो आपको पहाड़ी बलखाते रास्तों से लेकर जाएगी लेकिन  याद रहे आपको अपने निजी वाहन से ही यहां जाना होगा.
चित्र : हरियाली से भरपूर रास्ता

चित्र : वन विभाग का उद्यान 

ॐ नमः शिवाय