पहाडो की गोद से निकलती है गंगा
तन और मन को शान्ति देती है गंगा
शिव जी की जटा से निकली है ये पावन गंगा
हर हर गंगे ..............
बलखाती लहराती ये उत्तराँचल की सड़कें
और मदहोश कर देती हैं उत्तराँचल की हवाएं
काफल पेट की आग बुझाए
तन मन दोनों खिल जाए
सुरमयी शाम और झील का किनारा
ये तैरती किश्तियाँ
आज शाम को ठहर जाने दो
मांझी ले चल उस पार
जहाँ है सुन्दरता अपार
प्रकर्ति से बड़ा ये कौन चित्रकार है
ये इंसान का बनाया संसार है
शिवजी कैलाश वासी, बस गए हैं जागेश्वर
दर्शन करलो ये हैं विश्व के परमेश्वर
1 टिप्पणी:
hi everybody from uttranchal or out of uttranchal you must see our uttranhal its paradise on the earth
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