कविताएं, स्केच, यादें

हमसफर........
उसे नयी फिल्मे पसन्द हैं
मुझे पुरानी ।
वो अदरक की चाय नही छोड़ती
और मुझे कॉफी पसन्द है ।
उसे बंद कमरे की "ए सी" थंडक पसन्द है
और मुझे लहराती हुई डालियों से छनके आती हवाएं। 
उसे शांत लोग नहीँ बातूनी पसन्द है
और मुझे शांत रहकर उसे सुनना पसंद है ।
उसकी बातों में महँगे शहर और पहाड होते हैं
और मुझे डूबते सूरज वाला पहाड पसन्द है।
कितने बरस बिताये हैं साथ साथ 
फिर भी, उम्र के इस मुकाम पर
ना वो बदली ना मैं बदला ।
😀😀😀😀😀😀🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞


याद.........
रूबरू ना मिल पाएं तो
चलो शब्दों से नमन करते हैं
इतना ही अहसाह काफी है
सुबह शाम याद तो करते हैं..
🔆🔆🔆🌞🌞🌞🔆🔆🔆🌞🌞🌞🙂🙂🙂

अश्क..........
दर्द कभी आखरी नहीं होता ,
अपनी आँखों में अश्को को बचा कर रखना ....
सूरज तो रोज ही आता है मगर ,
अपने दिलो में भी "यादों के दीप" जलाये रखना....
🌞🌞🙂🙂🌞🌞🙂🙂🌞🌞🔆🔆🔆🔆🔆🔆

इस कदर स्वार्थी हो गए हैं 
मेरे शहर के लोग 
जब अपने पर बीतने लगी, 
तो बिलबिलाने लगे
😀😀😀😀😀🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂



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