कविताऐं

कविताऐ


कभी छेड़ना
हमारा भी जिक्र
बहुत याद आयेंगे
हम भी......
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


तुम्हारी यादें महकती हैं
फूलों की तरह
अफसोस है की
तुम बहुत दूर हो.....
😊😊😊😊🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

मैंने काली रात से 
दोस्ती क्या की
हर रात ; चाँद
नए नए  रूप में नज़र आया
😊😊😊😊🙂🙂🙂🙂🙂🙂

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