मधुशाला
शराब तो यूं ही बदनाम है
जब से जुदा हुए हैं
वो हम से
हमे तो अब ईश्क़ हो गया है,
शराब से
रोज मिला करती है अब वो
मयखाने में .......
सीख ली है हमने
शराब से,
बोतल के अलावा
निगाहें अब
कहीं और नहीं टिकती...
खराब कहते है
वो खुद शराब पीते हैं
वो भी छुप छुप के...
हर किसी के पास
एक साथी तो है
मेरा साथी तो
अब शराब है
और मेरा घर ही है
मेरी मधुशाला...
1 टिप्पणी:
I do not know why Sharab is kharab.
People enjoy it even I do.
Enjoy
Revati Mishra
Varanasi
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