बारिश की सुबहें


जीके कहता है.....
बारिशों की
ये सुहानी सुबहें 
इनमें अलसाए हम
गुम है सूरज
चंचल है मन
फिर वही
यादों का सिलसिला
क्या करें हम ???
🕉️🙏🕉️
क्यों ना
एक चाय हो जाये..
😁😁😃😃

कोई टिप्पणी नहीं: