हकीकत****
इसने कहा,
उसने कहा
और ज़माने ने
मान भी लिया।
एतबार*******
कब तक गैरों पर
ऐतबार करोगे ए जीके
एक बार अपनों पे
एतबार कर के तो देख
कहता है जीके
अपना दीपक खुद बन।
सच है *******
जनाजे में
शामिल तो बहुत होते है
साथ कोई नहीं जाता है
रोता वही है
जिसका सबकुछ लुट जाता है......
😍😍😍😍😍😍🙂🙂🙂🙂😳😳😳🥺🥺🥺
तन्हाई में भी
ये आसूं
मुस्कराहट की वजह
ढूंढ ही लेते हैं......
दौड़ जिंदगी की,
नादान बेवकूफियां हमारी
ज़माने का फरेब समझ न पाते हैं.....
दिल तो हमारा
बच्चा है जी
कोई खेलता है
कोई ठुकरा देता है.....
वो ढूंढते है
मुस्कान में भी तमीज
हम बेपरवाह से
फिर भी मुस्कराए जाते हैं
सुलग रही है
बरसों से आग सीने में
आसुंओं से ही बुझाया करते हैं.....
जिंदगी से कोई
शिकवा तो नहीं
आसुंओं के सहारे
मुस्कराते जाते हैं....
अपना अपना अंदाज़ है
जीने का ए जीके
हम तो कफन को भी
छोड़ चले जाते हैं....
😳😳😍😍😍🙂🙂😃😃😃🥺😃😃😍😃😍
नये दिन का
नया सूरज
नई किरणें,
नई आशायें
रास्ते भी नए उम्मीदों के
आओ नव दिवस मनाएं..
🥺🥺🥺🥺😃😃😃😳😳😳🙂🙂😃😃😃😃
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