ये जयपुर शहर
आज और बूढ़ा हो गया
यादों के झरोखों से
रामगढ़ झील नज़र आई...
चलती थी ढेरों नावेँ कभी यहां
प्यास भी बुझाता था इस शहर की
रौनके होती थी पर्यटकों की यहां
कभी एशियाड गेम की नौकायन यहां
अब वक्त की नज़ाकत कहो या
सरकार की बेरुखी से
ऐसा जुल्म हुआ की
खो गई झील
बस यादों का सिला रह गया....
1983 - रामगढ़ झील, जयपुर
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