कविताएं


अजीब कश्मकश है
इस छोटी सी जिंदगी में 
कोई सड़क के किनारे
सोता है चैन से
किसी को मख़मल में
भी नींद नहीं आती...
दुनिया बनाने वाले
कैसी ये दुनिया बनाई..

😊😊😊☺️☺️☺️😁☺️😁😁😁😁😁☺️😁



मधुपान ( शराब)
गम की दवा तो नहीं
हमने लोगों को
तन्हाई में रोते देखा हैं 

कडुआ बोलता हूं
चुभ सा जाता हूँ
सच सहना
सबके बस की बात नहीं...

हँस के बोलो
जान लुटा देंगे
एक बार
आज़मा के तो देखो..

जिंदगी ने मुझसे
नाराज़ होना छोड़ दिया
लगता है
खफा हो गई है मुझसे
ए जिंदगी
इतनी भी नाराज़गी 
ठीक नहीं....

छोटी छोटी बातें
कभी खुशी
कभी गम...

पराया दर्द दे
कोई बात नहीं
अपना दे तो
मन पर कुठाराघात.... 

ये दुनिया 
किसी की नहीं
फिर भी मन
बावरा हुआ जाता है...

आंख के आंसू
सूख जाते हैं
जब अपना 
बेगाना हो जाता है..

सुना है  
अपनापन
जज्बात ही
प्यार है
फिर क्यों मेरे जज्बात
कोई समझ नहीं पाता..

उनकी होठों पर 
मुस्कुराहट
लगता है
उनको मुझसे
इश्क हो गया है..

मन उदास है
आज दिल 
फिर से रोया है..

दिल उदास ना हो
इस जालिम दुनियां में
हमने इसे जबरजस्त 
हंसना सिखाया है...

बर्बाद किया
किसी ने दिल मेरा
जब भी उदास हुआ
रुमाल काम आया...

जब भी
एक पेड़ काटता है
किसी का आशियाना
उजड़ जाता है..

कटे पेड़ की
अस्थियां भी अब
रोने लगीं है
विकास के नाम पर
इंसान कितना 
बेदर्द ही गया है..

आओ कुछ 
नया करते हैं
सुबह योगा
ग्रीन टी पीते हैं

दिन कैसे 
सफल बीते
एक योजना
बनाते हैं..

काम से क्या
घबराना दोस्त
कुछ नया
प्लान बनाते हैं..

यादें की सजीव करो
पिछले दोस्तों को
फ़ोन पर बात करते हैं

इंटरनेट का
लाभ उठाओ
कुछ नया
सीखते हैं

उम्र को 
गोली मारो
साईकल नहीं तो
पैदल ही निकल जाते है

वादा करो
भूत को गोली मारो
आज से हर काम
समय पर करने की
ठानते हैं
चलो कुछ
नया करते हैं..
😊😊😊😊😊☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️😊


गहरी हैं ये स्याह रातें
मंज़िलों का पता नहीं
क्यों ना फिर
चल कहीं दूर निकल जाएं...
☺️😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁


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