कविताएं

यारो...
ओल्ड मोंक और तन्हाई का
अपना ही अलग अंदाज है
दोनों अपनी अपनी मस्ती में मस्त..
😊😊😊

जीवन मरण की 
चिंता छोड़ो
ले आओ साकी 
ओल्ड मोंक का प्याला
नाचेंगे, गाएंगे और झूमेंगे 
जम के आज
ना जाने कल क्या है होने वाला...
😊😊😊😊😊

सजी है संवरी है 
रंगीन बोटल में 
ओल्ड मोंक हाला .....
ले आओ साकी
मेरा प्याला
फिर से  इस बूढ़े साधू ने
इमोशनल कर डाला.....
😆😆😆



ये तन्हा शाम 
जब भी आती है
यादों के चिराग़ 
जल उठते हैं...
😍😍🙂


जिंदगी चलती रही
हम कविता गढ़ते रहे
जिंदगी एक किताब 
ना जाने कब पूरी हो जाय...
🙏🕉️🙏

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