लॉकडाउन


वक्त.....

मेरी बातों का 
बुरा ना मानना ए जिंदगी..
में वक्त हूं
ना जाने कब धोखा दे जाऊं...
😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃


लॉकडाउन ......

लॉक डाउन में
यार कमाल हो गया..
आज़ादी मिल गयी
बाल कटाने से
दाड़ी बनाने से..
धूप में निकलने से..
बाबा जी बनने का भी
यार अपना मज़ा है

आदमी अंदर
पशु पक्षी स्वछंद
बस दिनभर झांको
खिड़की से 
और खाओ
दाल रोटी ...

बैठे बैठे
प्रभु के गुण गाओ
कुछ कागज़ रंग डालो
दारू मिले तो
अमृत समझ
पी डालो...

जिंदगी जीने के लिए
और क्या चाहिए..

( 23 मई 3020 : वो लॉकडाउन )
😃😃😃🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

कोई टिप्पणी नहीं: