कविताऐं


2019 : लैंसडाउन

शाम के साये में
लैंसडाउन की एक शाम
एक सुखद अहसास है ये
शहर की आपाधापी से दूर
प्रकृती की गोद में... 


आओ कुछ पल बिताएं
इन फूलों के साये में
क्योकि
अपनी तो यारी है
इन फूलों से....


फिर सूरज ले आया 
एक नई आस
कहने लगा
जीवन व्यर्थ ना गवायें
मेरी तरह
इस जग को चमकाएं....


तुम भी कुछ पल बिताओ 
फूलों के इन जंगलों में
यारी करलो इनसे
खुश रहोगे उम्रभर...


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