जिंदगी


जिंदगी....

बंगले कितने ही बड़े हो

फ्लैट कितने भी ऊंचे हो
जिंदगी तो नजर आती थी
सिर्फ गांवों में …....

आज वही गलियां गांव की
शहर के भीड़ में खो गईं
फिर भी दिल ढूंढता है
वही गलियां वही घर
जहां उसका बचपन बीता था..

लेकिन वक्त ने बदल दी
वो हर चीज पुरानी
अब तो इंसान भी
दूसरे इंसान के सर पर
नाचने लगा है
बदल गई है 
अब तो तसवीर उसकी...







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