लघु कविताएं












लघु कवितायेँ ...................

जिन्दगी......
लोग कहते हैं
जिंदगी हसीन है
तू इसे प्यार कर
काली रात के बाद
उजली सुबह का
इंतज़ार कर..

विश्वास.....
बहुत कुछ सिखाया है
इस छोटी सी जिंदगी ने
गैरों पर नहीं
पहले अपने आप पर
विश्वास कर..

समय......
कभी मैं भी खिलता था
पूनम के चांद की तरह
आज फिर अधूरा रह गया
दूज के चांद की तरह.


शहर में......
भीड़ भरे शहर में
तन्हाईयां तो देखो
अकेली दौड़ती रहती है
न सुबह का पता
न शामों का जिक्र
रातें सिर्फ काली
एक गावँ देखो मेरा
जहां सुबह भी होती है
शाम भी
तारे चाँद की पनाहों में
रात भर  टिमटिमाते हैं।


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