कविताऐं


देखिए
वक्त की नजाकत को
घर के बहुत से कमरों (Bedrooms) ने
घर में रहने वालों को ही 
आपस में पड़ोसी बना दिया...
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀


जिंदगी
रुकी रुकी सी है 
थोड़ा सा चल तो लो 
मंजिलों का क्या
चलते रहोगे तो
मिल ही जाएंगी..
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


जब भी मिलो
अपनों से
हैसियत मत पूछना..
याद करना
सुनहरे लम्हों को
और खिलखिलाना..
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😀😀😀😀😀


ना ख़ुशी खरीद सकते हैं
ना गम खरीद सकते हैं
खाली हाथ आते हैं
खाली हाथ जाते हैं
ना जाने क्यों फिर भी
जिंदगी में अकड़े रहते हैं...
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊



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