कविताऐं

नाराज़गी का हक तो
उसी को होता है
जो शिद्दत से 
तुम्हे प्यार करे ...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😃😃😃😃😃😃😃😃😃😃


कोई दे दे पंख मुझे
परिंदा बन उड़ना चाहता हूँ
मंज़िल नहीं ये जमीं मेरी
आसमान छूना चाहता हूँ...

🙂🙂🙂🙂🙂🍅🍅🍅🍅🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

चाँद को 
क्यों ग्रहण लग गया...
ज़माने से पूछो 
अगर जमाना बता न पाए तो 
हम से पूछो,.......
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