पंछी......
पंछी बन जाएं
मुक्त गगन में उड़ने को..
कभी इधर उड़ें
कभी उधर उड़ें...
श्री कृष्ण जी कहते हैं......
जिस व्यक्ति को आपकी क़द्र नही
उसके साथ खड़े रहने से अच्छा हैं
आप अकेले ही अच्छे हैं...
जय श्री कृष्णा
🙂🙂🙂
आधुनिका.....
तितली सी लहराती हो
हर फूल पर मंडराती हो
चपल चंचल मनमोहक सी
धन, पद, आत्म प्रदर्शन पर इठलाती हो...
आधुनिका हो
स्वाभिमानी भी हो
तुम फिर भी एक नारी हो
एक भारतीय नारी......
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