कवितायें

यादें........

किसी ने सच ही कहा है
याद कितनी भी 
किसी की भी आये
लेकिन अपने हिस्से का दर्द तो
खुद को ही सहना पड़ता है...

यादें......

काले कैनवस सी
गहरी और काली हैं
यादों भरी स्याह रातें
क्यों ना इन पर
उन पलों की
कोई पेंटिंग ही बना दूं...

सौदेबाज...

मन्दिर मेँ प्रार्थना करने वाले कम, 
सौदेबाज ज्यादा होते हैं.....
भगवान से मांगते है और कहते हैं 
इस हाथ दे उस हाथ ले...
कहीं आप वो तो नहीं...

प्रकृति..

सुंदर से सुंदर है
प्रकृति की हर रचना...
फल फूल चाहने वालों
फिर काँटों से क्या डरना..


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