नव दिवस


नव दिवस..

सूरज की राह में
किरणों ने धरा सजाई है
पक्षियों ने बिगुल बजाया
खलियानों में मस्ती छायी है
प्रातःकाल ने जीवन सजाया
लो फिर से नव दिवस आया है
घर से बाहर निकलो दोस्तों
ये खुशियां अपार लाया है.......

सभी मित्रों को प्रातःकालीन नमस्कार🙏ॐ🙏

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