जीवन के रंग

जीवन के रंग....

में देखता हूँ
रोटी को तरसते बच्चे
दूध पीते कुत्ते.......

इलाज की आशा में
लुटता मरीज
धनवान होता डॉक्टर....

पैसों के लिए
जमीर बेचती औरत
दरिंदा बना आदमी....

सरकारी दफ्तर में
रोता गरीब
दादागिरी करता अफसर....

में सोचता हूँ
जीवन के रंग
कितने अजीब..


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