बेटियां


बेटी पढ़ाओ...

रौशनी चिरागों से ही हो
ये कुछ सही नहीं है ए "जीके"
बेटियाँ किसी की भी हो
घर में उजाला वहीं करती हैं
🙂🙂🙂🙂
इसलिए बेटियों को पढ़ाओ  और लिखाओ
🙂🙂

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