चांद, दिल और नव दिवस

चांद..
जमाना खराब हो गया, 
इस जमीं पे ।
चलो आज 
चांद के पास चलते हैं ।।

दिल..
कभी इनका दिल रखा ।
कभी उनका ।।
अरे ढूंढो मेरा दिल कहाँ रखा ।।

नव दिवस...
प्यारी सी हरियाली 
फूल खिले हैं 
गुलशन गुलशन
नीले नभ में 
सूरज है आया
आओ नव दिवस का स्वागत करें....
😊😊😊

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