फूल और कांटे

फूल और कांटे...

काटों ने फूल से कहा
चाहे तूफान आए
या बरसे बारिश
मैं सदैव तुम्हारी 
हिफाजत करता रहूंगा...
मैं इंसान की तरह
इतना स्वार्थी भी नहीं
की तुम्हे अकेला छोड़ दूंगा....
मैं कांटा हूं तो क्या
हिफाजत तो तुम्हारी
मैं ही करूंगा
और खटकता रहूंगा
हमेशा से इंसान की आंख में...



कोई टिप्पणी नहीं: