मोक्षदायनी गंगा


मोक्षदायनी गंगा..

हरिद्वार ऋषिकेश
अच्छे लगते थे उसको
खासकर संध्या आरती
क्या पता था उसको
एक दिन वो भी
इसी गँगा में समा जाएगी..


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