गुरु की पूजा

|| गुरु की पूजा ||

मित्रों जिसका गुरु नही होता है वह निगुरा होता है। अतः कोई भी पूजा शुरू करने से पहले गुरु का आवाहन जरुरी है। शास्त्रों में लिखा है " गुरु ही ब्रह्म है गुरु ही विष्णु है और गुरु ही शिव है। आओ गुरु जी की वंदना करें ।

एक तुम्हीं आधार सदगुरु, एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।

जब तक मिलो न तुम जीवन में । शांति कहां मिल सकती मन में ।।

खोज फिरा संसार सदगुरु । एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।।

कैसा भी हो तैरन हारा । मिले न जब तक शरण सहारा ।।

हो न सका उस पार सदगुरु । एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।।

हे प्रभु तुमहिं विविध रुपों में । हमें बचाते भव कूपों से ।।

ऐसे परम उदार सदगुरु । एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।।

हम आए है द्घार तुम्हारे । अब उद्घार करो दुःखहारे ।।

सुन लो दास पुकार सदगुरु । एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।।

छा जाता जग में अंधियारा । तब पाने प्रकाश की धारा ।।

आते तेरे द्घार सदगुरु । एक तुम्हीं आधार सदगुरु ।।



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