ये पहाड़

ये पहाड़...

ये पहाड़
ना हंसते है
ना रोते हैं
ना हिलते हैं
तटस्थता से 
खड़े होते हैं....

स्मृतियां
पहाड़ों सी
पैठ बनाती हैं मन में
सरसराहट हवा की
यादों को सुलगा देती है
फिर से हम
यादों में खो जाते हैं....

नदी
झील
विशाल वृक्ष
पगडंडियां
पहाड़ बहुत याद आते हैं.....
😊😊😊😊

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