कविताएं


धूप छाँव का खेल है 
ये मासूम जिन्दगी...
जीने वाले, 
आ तू भी दांव लगा ले...

😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

उज़ाड दिया
बेरहम सरकार ने
एक और आशियाने को...
सरकार को क्या मालूम 
उम्र बीत जाती 
एक घर बनाने मे.

😊😊😊😊

कैसी विडंबना है
इस छोटी सी जिंदगी में 
सुकून चाहने के लिए भी
हमेशा बैचेन रहना पड़ता है...

शुभ प्रातः 🙂
आज का दिन मंगलमय हो


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