धूप छाँव का खेल है
ये मासूम जिन्दगी...
जीने वाले,
आ तू भी दांव लगा ले...
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
उज़ाड दिया
बेरहम सरकार ने
एक और आशियाने को...
सरकार को क्या मालूम
उम्र बीत जाती
एक घर बनाने मे.
😊😊😊😊
कैसी विडंबना है
इस छोटी सी जिंदगी में
सुकून चाहने के लिए भी
हमेशा बैचेन रहना पड़ता है...
शुभ प्रातः 🙂
आज का दिन मंगलमय हो
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें