कविताऐं.....
ये जिन्दगी गुमसुम सी
और ये उदास शामें
कुछ अच्छा नही लगता है
चलो दिल बहलाने के लिए
क्यों ना नोकझोंक ही कर ले....
😀😀😀😀😁😁😁😃😃
हमारा रिस्ता
कुछ इस कदर बढ़ने लगा
हम लिखते रहे
और आप पढ़ते रहे..
😀😀😀😀😀
तुम्हारी तारीफ़
करे भी तो कैसे करें
तुम तो एक किताब हो
और किताबें
खामोश होकर भी
बहुत कुछ कह जाती हैं
ये तो अपना अपना नसीब है...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂
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