शील की डूंगरी

शील डूंगरी : चाकसू (जयपुर) 

राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर के दक्षिण में करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर चाकसू कस्बे में शीतला माता का मंदिर है जो की एक अकेली पहाड़ी पर बसा हुआ है जिसे शील की डूंगरी कहते हैं. शील की डूंगरी दूर से ही नजर आ जाती है. मंदिर पर जाने के लिए सड़क और सीढ़ियों से जाया जा सकता है, थोड़ा चढ़ाई जरूर है, लेकिन सड़क मार्ग से पैदल चलना बहुत ही सुखद लगता है. मंदिर के आस पास काफी धर्मशालाएं भी हैं. 

वैसे तो शीतला माता के मंदिर में सालभर भक्त दर्शन के लिए आते रहते हैं लेकिन, चैत्र माह में शीतला अष्टमी के दिन जिसको स्थानीय भाषा में बास्योड़ा कहते हैं के मौके पर यहां दो दिवसीय लक्खी मेला भरता है. इस दिन माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाता है. भक्तगण आमतौर पर पुएं, पकौड़ीयां, राबड़ी इत्यादि अपने घर से बनाकर लाते है और यहां माता को भोग लगाने के बाद ही उसे खाते है. आरोग्य और सुख की कामना लिए दूर-दूर से भक्त ने माता के समक्ष धन का भी दान करते है

पर्यटन की दृष्टि से भी भी शील डूंगरी बहुत सुंदर जगह है. सड़क द्वारा चढ़ाई के दौरान मेढकनुमा चट्टाने बहुत आकर्षित करती हैं. मंदिर से चारों तरफ सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं जिनमे चाकसू गांव, वन क्षेत्र और दूर एक विशाल झील भी दिखाई देती है 

शीतला माता की भव्य मूर्ती....

मंदिर का प्रांगण...

मेढ़कनुमा चट्टान.....

मंदिर से दिखते सुंदर दृश्य....

मंदिर से दिखता झील का नजारा...






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