कविताऐं, स्केच




समय......

दीवार पर लगी घड़ी
कुछ गंभीर होकर बोली
तू दौड़ाता है
या मैं तुझे दौड़ाऊं...
😊😊😊😊



जिंदगी...

जिंदगी
सिगरेट सी
जो भी आता है
सुलगा जाता है...
काश
पक्षी होता
मुक्त गगन में
पंछी बन उड़ जाता....
😊😊😊😊😊😊



प्रार्थना..

हे प्रभु
घनघोर कष्ट में है भारत
हे श्री हरि, 
फिर कृष्ण बनकर आइए
भारत ही क्या
पूरे विश्व को बचाइए....

हरि अनंत है
हरि कथा अनंता 
किसी भी रूप में आइए
अखिल ब्रह्मांड को बचाइए......

🙏🙏🌹🌹🙏🙏

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