मधुशाला...
ये नीरस वीरान सी सड़कें
ये खालीपन लाती एकाकीपन
मन में उठती एक अभिलाषा
पीने को चाहिए
एक सोमरस वाला प्याला...
अधरों की आतुरता
हृदय की भाषा
पूछती है बार बार
कहाँ है मधुशाला...
ले आओ साकी
भर भर के
सोमरस भरा प्याला
जाने कल क्या है
होने वाला.........
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