बिल्कुल अकेले हैं आप जब...
कोई यात्रा नहीं करते,
कोई किताब नहीं पढ़ते,
दूसरों में दोष देखते हैं,
जन्मदिन पर किसी को याद नहीं करते
दोस्तों के संग गप्प नहीं हांकते
बीते सुहाने पल याद नहीं करते
दूसरों की बुरी आदतों को नहीं भूलते
किसी की तारीफ नहीं करते,
संगीत का आनंद नहीं लेते..
चले आओ फिर कुछ नया करते हैं ;
चलो घूमने चलते हैं
😁😀🙂🌞🌞🙂🙂😃😃😃😃🌞🌞🌞🌞
खुद भी गिरती है
मुझे भी गिरती है
गिर गिर के सम्हालना
सम्हलकर सम्हलकर चलना
मुझे सिखलाती है...
हल्का भारी सब सह जाती
जिंदगी को बोझ मत समझो
सबको यह सिखलाती है...
सहेली बचपन की मेरी😁
संग मुझे ले जाती है
खूब घुमाती हैं..
अक्सर कहती है
चल कहीं दूर निकल जाएं..
😊😊😊😊😊🙂🙂😃😃🌞🌞😃🙂😃🙂🙂
शाम
ढलती उम्र
उलझने जिंदगी की
समझदार नहीं बनाती हैं..
मुड़कर मत देखो
अनजान राहें ही
मंजिल तक ले जाती हैं...
चल फिर कहीं दूर निकल जाएं....
🌞🌞😃😃🙂😃🌞😃🙂🙂🙂🌞🌞😃😃
शिकायतों का
कोई अंत नहीं है दोस्तों ....
जो मिला है,
उसी में खुश रहो ...
क्योंकि,
किसी को ये भी नसीब नहीं है..
🙂🙂🌞🌞😃😃🌞🙂🌞🌞😃🙂🙂🙂🌞🌞😃
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