कविताएं : सुनहरी यादों के पल

कविताऐं: यादों के सुनहरे पल

लो ये फसलें भी 
काट ली गईं है
जब शरद ऋतु ने 
आवाज़ दी...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🌞😊☺️🌞🌞🌞


शरद ऋतु की 
चांदनी रात हो 
या अंधेरी 
हम भी ठिठुरेंगे
तुम भी ठिठरोगे
चाँद भी ठिठुरेगा
सूरज भी ढका होगा
गहन कोहरे में.......
खुशी का पल होगा
जब प्रभु राम का 
दीपावली में आगमन होगा
नव दीप जल उठेंगे
खुशियां का अंबार होगा..
☺️☺️☺️😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


कभी लंच टाइम
तो कभी शामें
कभी मूंगफली के दाने
कभी समोसे
तो कभी छोले कुलचे....
कुछ पुराने साथी
और उफ ये शहर, दिल्ली
बहुत याद आते हैं
😀😀😀😀😀🙂🙂🙂🙂🙂🙂🤥🤥🤥🤥🙂


तीन दोस्त
साईकिलें
एक हाफ
और पूरा शहर
वो भी क्या दिन थे
😊😊😊😊😊😊😊😊😊☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️


अक्सर धूप से 
काले नही होते हैं लोग 
जल भुनकर कर भी 
स्याह हो जाते हैं ....
🌞🌞🌞🌞🌞🌅🌅🌅🌅🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


उम्र भर पलटते रहा, 
किताबों के पन्ने 
अपनी ही कहानी 
नज़र आयी किताबो में ....
☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️👍☺️👍👍👍👍👍


कभी राम 
कभी रावण 
क्या क्या बनना पड्ता है 
इस छोटी सी जिन्दगी में 
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😂😊


ये पल
पल पल बीत रहा है
आओ मिल जायें
सुमन और सुगंध की तरह
😂😂😂😊🌞🌞🌞🌞🌞🌞😍😊😊😊😊😊😊


आज जिंदगी को, 
करीब से देखा
कोई गुब्बारा बेच के खुश है, 
तो कोई खरीद ककर..
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🍨🍨🍨🍨☺️☺️☺️☺️☺️☺️


कुछ लम्हे चुरा लूँ, 
तुम्हारे आज 
कल जिंदगी 
हम हो न हो.......
😊😊😊😊😊🌞🌞🌞😊😊🌞🌞😊😊🌞🌞


मै कलम, 
तुम स्याही ।
आओ मिलकर, 
जिंदगी की किताब लिखें....
☺️☺️🍨🍨☕☕😍😍😍😍🙂🙂🙂☺️☺️😊😊


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