कविताएं


जिंदगी....

ए जिंदगी
तू बहुत सताती है
क्यों ना तेरे पर
एक केस ठोक दूं...

कठपुतलियां...

धागों से बंधी थी
जिंदगानियां हमारी
ऊपर वाले कि बदौलत
कलाकार बन गए 
हम तुम...

😊😊😊😊

सलामत रहो.....

जहां भी रहो
तुम सलामत रहो
खुदा से यही दुआ मांगता हूं
हर रोज...


सुबह...

घर का कोना
बॉलकोनी हमारी
दूर कहीं हरियाली
मुक्त गगन में पंछी
एक चाय का प्याला
मेरी तन्हाई
और ढेर सारी
यादें तुम्हारी
सुबह सुबह 
और क्या चाहिए...
😊😊😊😊😊

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