यादें


शायरी...
आंसू शायरी करते रहे रात भर
यादें ग़ज़ल लिखती रही 
और ये रूह, 
इधर उधर भटकती रही ...

काली रात
जब भी लिखना चाहता हूँ,  
चाँद पर तेरा नाम 
ये अमावस की काली रात 
बीच मे आ जाती है 


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