लेखन की शुरुआत कैसे करें
अपने विचारों को हर कोई कागज पर उतरना चाहता है लेकिन उसकी समझ में नहीं आता की शुरुआत कैसे करे. खासकर एक नवोदित साहित्यकार, जो सफलता न मिलने पर बहुत हताश हो जाता है
प्रिय मित्रों लेखन एक कला है जिसमे रातों रात चमत्कार नहीं होते हैं. यह एक सतत प्रकिर्या है और आप को निरंतर लिखते रहना है. आप विषय कोई भी चुन सकते हैं. जैसे यात्रा व्रत्रांत, कविता, किसी मेले का वर्णन, संपादक को पत्र या किसी भी विषय पर निबंध. कविता भी लिख सकते हैं.
जहाँ तक रचना के प्रकाशन का सवाल है पत्रिका में भजिये अगर लौट जाता तो हताश मत होइए अपना ब्लॉग बनाये और उसमे जम के लिखें. आज कल तो मुफ्त में ब्लॉग बनाये जा सकते है. यदि आप ब्लॉग बनाने के इच्छुक है तो संपर्क करें :
प्रिय भावी लेखकों में आपको कुछ सुझाव देना चाहता हूँ :
१. नवोदय लेखक रंगीन पत्रिकाओं में बड़े लेखकों की रचनाएँ देख-देखकर उदास न हो बल्कि लिखते रहे क्योंकि सफलता पाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है.
२. लघु पत्रिकाएँ में लिखने से शुरुकरें जो कि युवा सृजनात्मकता की सही संवाहक हैं अतः: उनसे अपने प्रकाशन की शुरुआत.
३. बड़े लेखकों की आत्म कथा पढ़े, उनकी लेखन शैले को पहचाने और अपनी अलग पहचान बनाये. ध्यान रहे लेखन एक कला है...
४. यदि आप लेखन को अपना करिअर बनाना चाहते है तो पत्रकारिता संस्थान में प्रवेश ले और लेखन और पत्रकारिता की विभिन्न विधानों को सीखें.
आपका
गणेश शर्मा
2 टिप्पणियां:
गणेश शर्मा जी आपने नवोदित साहित्यकारों के लिए अच्छे टिप्स दिए है इसके लिए आपके लेखनी और सूझ-बुझ को काफी सराहा जाना चाहिए
Its a good article for new writers. Please follow these steps....
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