उजाले यादों के

यादों की कविता से 

उजाले अपनी यादों के
हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में
जिंदगी की शाम ढल जाए ।

सुबह होती है तो दिल कहता है की तुम आओगे
में नए फूल पिरोती हूँ तुम्हारे खातिर
जब शाम होती है तो हर फूल टूट कर भिकार जाता है।
में तन्हाई में रोती हूँ तुम्हारे खातिर ॥


7 टिप्‍पणियां:

रचना गौड़ ’भारती’ ने कहा…

आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

परमजीत बाली ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है।बधाई।
नोट:--Word Verification हटाएं।

ई-गुरु राजीव ने कहा…

हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.

मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.

यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.

शुभकामनाएं !

--'ब्लॉग्स पण्डित'
http://blogspundit.blogspot.com/

shama ने कहा…

bhkamnayon sahit swagat hai ! Blog aur adhik padhke fursatse tippanee dungi !
Mere blogpe aaneka ek snehil nimantran hai...!
word verification hata den, to kaisa rahega...?

Hindustani ने कहा…

हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr

संगीता पुरी ने कहा…

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

संगीता पुरी ने कहा…

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।